-समारोह का आयोजन लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र ने किया
नई दिल्ली। लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र एवं संपूर्ण क्रांति अभियान के संयुक्त तत्वावधान में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी एवं संपूर्ण क्रांति के महानायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण का 121 वीं जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में महानायक जेपी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें इस अवसर पर याद किया। बिहार समेत कई राज्यों से आए लोगों जेपी के जमाने की राजनीति और आज की राजनीति की तुलना कर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि भारत की तरक्की के लिए हम सबको आगे आना होगा और जेपी के सपनों को साकार करना आज वक्त की मांग हो गई है। महानायक जेपी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज हित में लगा दिया। पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे नेता जेपी के सामाजिक कामों का लोहा मानते थे और उनके आंदोलन से ही लालू-मुलायम जैसे कई नेता पैदा हुए। लेकिन जेपी के सपनों को साकार करने की कवायद काम की गई और राजनीति को निजीहित के लिए ज्यादा इस्तेमाल कियाl इसलिए आज वक्त की मांग है कि महानायक जेपी के सपनों को साकार किया जाए और भारत को तरक्की की राह दी जाए। कार्यक्रम का संचालन अभय सिन्हा और कैप्टन गोपाल सिंह ने कहा कि महानायक जेपी ने अपना संपूर्ण जीवन देश सेवा में लगा दिया. इसके लिए उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा और कठिन परिस्थितियों से लड़ते रहे. उनके सामाजिक आंदोलन को आज आगे बढ़ाने की जरूरत है। जितेंद्र नारायण सिंह (चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) ने इस मौके पर कहा कि आज का समाज जेपी को भूलता जा रहा है लेकिन हमें आगे जेपी के सपनों को साकार करने की जरूरत है।
बिहार के बलिया से श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए आए डॉक्टर भगवान सिंह नाम जप के संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जेपी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज हित को न्योछावर कर दिया था। वह अपने युवा जीवन से ही जेपी आंदोलन से जुड़े रहे. जेपी के साथ रहते हुए उन्होंने उनके कामों को काफी नजदीक से देखा है। जेपी को जब लाहौर जेल में कैद कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और अंतिम समय तक संघर्ष करते रहे। इस मौके पर अमरीका की व्यावसायिक और सांस्कृतिक राजधानी शिकागो से डॉक्टरी का प्रोफेशन छोड़कर देश सेवा के लिए भारत लौटे डॉ मुनीष रायजादा ने भी अपने विचार व्यक्त किया। अखिल भारतीय सेवादल अध्यक्ष राम नगीना ने जेपी के जीवन संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा आपातकाल के बाद सरकार का गठन जेपी के मूल्यो पर आधारित था और उनके सपनों को आगे बढ़ाने और देश से गरीबी मिटाने का संकल्प लिया गया था। लेकिन आज राजनीति ने महानायक जेपी के संघर्षों को भूलकर निजी हित की जगह ले ले लिया। उल्लेखनीय है कि अभय सिन्हा, राष्ट्रीय महासचिव, ज्ञानेंद्र रावत , पर्यावरणविद, अध्यक्ष, केन्द्रीय पर्यावरण प्रभाग, कार्तिकेय शर्मा, राष्ट्रीय सचिव,नवनीत कुमार,सचिव, राजेश कुमार सिन्हा, सचिव प्रशासन , राजीव श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सचिव, साहित्य एवं फिल्म प्रकोष्ठ संदीप कुमार राय, राष्ट्रीय सलाहकार तकनीकी विभाग, ममता श्रीवास्तव, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ, अनु सिन्हा, सांस्कृतिक सचिव, रजनी श्रीवास्तव,सचिव, महिला प्रकोष्ठ,आमंत्रित सदस्य सर्व डॉ. जगदीश चौधरी,निदेशक, बालाजी शिक्षण संस्थान,बल्लभगढ़, सुभाष बिहारी, महंत तिवारी एवं प्रशांत सिन्हा आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किया. इस समारोह आयोजन लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र ने किया। संस्था के द्वारा पिछले 22 वर्षों से जेपी जयंती समारोह आयोजित किया जाता रहा है।