संवाददाता
दिल्ली / गाजियाबाद। दिल्ली पुलिस और यूपी की गाजियाबाद, नोएडा पुलिस में सामंजस्य की भारी कमी सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने जिस सिविल इंजीनियर को भगोड़ा घोषित करवाया हुआ था और उसके चार्टर्ड एकाउंटेंट भाई समेत उसकी गिरफ्तारी पर 50-50 हजार इनाम रखा हुआ था उस सिविल इंजीनियर को यूपी सरकार ने करोड़ों रुपये के सरकारी ठेके दिए हुए थे।
आरोपी ने नोएडा में तीन-चार वर्ष से सरकारी ठेके लिए हुए थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने वाले सिविल इंजीनियर रवीश वत्स को उसके चार्टर्ड एकाउंटेंट भाई रवीन वत्स के साथ गिरफ्तार किया है। रवीन ने प्राइवेट ठेके ले रखे थे।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एकदंत वेलफेयर सोसायटी के अधिकृत प्रतिनिधि राजेश कुमार ने आरोप लगाया कि वर्ष 2012 में मैसर्स एल्पाइन रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड (डेवलपर) ने एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरू किया था और जनता से बुकिंग आमंत्रित की थी।
डेवलपर ने फ्लैटों का कब्जा सौंपने का आश्वासन दिया था। डिवेलपर की बातों पर भरोसा करते हुए शिकायतकर्ता ने उक्त ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराकर कुल 11.7 करोड़ रुपये निवेश कर दिए थे। आरोपियों ने 350 निर्दोष लोगों से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा ले लिए थे।
परियोजना स्थल पर केवल कंकाल टावर का निर्माण किया गया है। डेवलपर ने बाद में निवेशकों को फ्लैटों का कब्जा नहीं दिया था और न ही पैसे दिए। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा मामला दर्जकर आरोपियों भाइयों की तलाश कर रही थी।
कोर्ट ने दोनों भाइयों रवीश व रवीन को नवंबर, 2022 में भगोड़ा घोषित कर दिया था। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दोनों की गिरफ्तारी पर 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था। शाखा की साइबर सेल में तैनात एसीपी पवन कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह, एसआई सतवंत सिंह व एएसआई हरविंदर की टीम दोनों की तलाश कर रही थी। हवलदार आनंद को 26 मार्च को सूचना मिली कि रवीश वत्स केरला से फ्लाइट से दिल्ली आएगा।
इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह व एसआई सतवंत सिंह की टीम ने सेक्टर-46 नोएडा गौतमबुद्ध नगर यूपी निवासी रवीश वत्स को आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद छोटे भाई सेक्टर-49, नोएडा गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद यूपी निवासी रवीन वत्स को उत्तरांचल प्लाजा मॉल सेक्टर-3, वसुंधरा गाजियाबाद में घेराबंदी कर 30 मार्च पकड़ लिया।
दोनों आरोपियों ने ठगी की बात स्वीकार की है। ये पुलिस से बचने के लिए गाजियाबाद में छिपकर रह रहे थे। मूलरूप से प्रतापगढ़, यूपी निवासी रवीश वत्स पेशे से सिविल इंजीनियर है। उसने नोएडा व गाजियाबाद में सरकारी ठेके लिए हुए थे। पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट रवीन ने प्राइवेट ठेके ले रखे थे।