गिरफ्तार फर्जी डीएसपी, एसआई व दलाल 5 लाख लेकर देते थे जॉब लेटर
नासिर खान
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले “डिपार्टमेंट ऑफ क्रिमिनल इंटेलिजेंस’ विभाग में नौकरी देने के नाम पर ठगी का जॉब रैकेट चला रहे एक गिरोह का भंडाफोड कर तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने खुद को डीएसपी बताने वाले गिरोह के सरगना समेत एक बहरूपिया सब इंसपेक्टर व एक बिचौलिए को गिरफ्तार किया है।
स्पेश्ल सीपी क्राइम ब्रांच रविन्द्र यादव ने बताया कि डीसीपी क्राइम सतीश कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि आशीष चौधरी नाम का व्यक्ति फर्जी रोजगार रैकेट चला रहा है और भोले-भाले युवकों को ठग रहा है तथा रावता-दौराला रोड, जॉफरपुर कलां गांव, दिल्ली में फर्जी प्रशिक्षण केंद्र चला रहा है। क्राइम ब्रांच वेस्ट रेंज के एसीपी राज कुमार और इंस्पेक्टर अभिजीत कुमार के नेतृत्व में एएसआई रणधीर, कृष्णन, महिला एएसआई नरेंद्र कौर, हैड कांस्टेबल रामनिवास, महिपाल, आदित्य और विनोद की टीम तीनों आरोपियों का पकड़ने में सफलता हासिल की है।
क्राइम ब्रांच की टीम जब रावता-दौराला रोड, जाफरपुर कलां में बताए गए स्थान पर छापा मारने पहुंची तो वहां प्रशिक्षण केंद्र के अंदर एक हॉल में 10 पुरुष और 01 महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण के तहत पाए गए। आशीष चौधरी नाम का एक व्यक्ति उन्हें लेक्चर दे रहा था। पूछताछ में आशीष चौधरी ने खुद को गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले आपराधिक खुफिया विभाग के डीएसपी के रूप में पेश किया। बाद में पता चला कि वह मैट्रिक पास भी नहीं है। बल्कि फर्जी जॉब रैकेट चलाने वाला जालसाज गिरोह का सरगना है। उसने कांस्टेबल/कार्यालय सहायक/एमटीएस/क्लर्क आदि के पद के लिए प्रत्येक उम्मीदवार से लगभग 5 लाख वसूल करने के बाद कई उम्मीदवारों को धोखा दिया था। इसी कडी में पुलिस को मिली शिकायत के बाद ये खुलासा हुआ।
आशीष चौधरी के कहने पर दिल्ली के चंद्रलोक, अशोक नगर में रहने वाला सह अभियुक्त गोविंद कौशिक और फरीदाबाद के सूरजकुंड स्थित शिव दुर्गा विहार निवासी अमित कुमार फर्जी रोजगार रैकेट में उसके साथ जुड़ गए। अमित कुमार खुद को इसी विभाग में काम करने वाला सब इंसपेक्टर बताता था। जबकि गोविन्द खुद को विभाग में पहुंच रखने वाला बिचौलिया बताकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर गिरोह तक पहुंचाता था।
पूछताछ में पता चला कि कथित डीएसपी आशीष चौधरी ने गृह मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाले “डिपार्टमेंट ऑफ क्रिमिनल इंटेलिजेंस (डीसीआई) नाम से एक नकली डिपार्टमेंट बनाया। उन्होंने जॉफरपुर कलां गांव में किराए की जगह लेकर उसने एक फर्जी प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया था। उसके साथी लोगों को डीसीआई में कांस्टेबल/कार्यालय सहायक/एमटीएस/क्लर्क आदि के पद पर नौकरी दिलाने के लिए उसके पास लाते थे। आशीष प्रत्येक उम्मीदवार से लगभग 5 लाख रूपए लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता था। जो उम्मीदवार अधिक पैसे देता उसे बाद में पदोन्नति का पत्र भी दे दिया जाता। दिल्ली में पोस्टिंग के लिए उनसे अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाता था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के कब्जे से कई फर्जी/जाली दस्तावेज, स्टाम्प, पुलिस ड्रेस/जूते/मोजे/बेल्ट, 3 लाख रुपये नकद भी बरामद किए है।