संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों और बिचौलियों के बीच सांठगांठ का पर्दाफाश करने के लिए सीबीआई ने गुरुवार को छापा मारा है। सीबीआई की यह छापेमारी भ्रष्टाचार को लेकर की गई। बता दें कि एजेंसी ने न्यूरोसर्जरी विभाग के एक डॉक्टर और बिचौलियों सहित कुछ लोगों को पकड़ा है।
सीबीआई को वेतन वृद्धि के कुछ दस्तावेज मिले हैं, अधिकारी ने बताया कि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (1988) के तहत सफदरजंग अस्पताल के कार्डियोलॉजी के प्रमुख डॉ राकेश वर्मा के खिलाफ कथित रूप से 2.4 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया था। उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के लिए ये मामला दर्ज हुआ था, आज इसी के संबंध में छापेमारी की गई।
सीबीआई के प्रेस सूचना अधिकारी आरके गौड़ ने बताया, “डॉ राकेश वर्मा के पास पांच बैंक खाते/लॉकर हैं – या तो उनके नाम पर या उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर – जिनकी जांच की जा रही है।”सीबीआई इस संभावना पर गौर कर रही है कि संदिग्ध, अन्य लोगों के साथ, हृदय प्रत्यारोपण में स्टेंट लगाने के मामले में भ्रष्ट आचरण में शामिल था।गौर ने कहा कि तलाशी के दौरान डॉक्टर या उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों से संबंधित निवेश और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) से जुड़ी टीमों ने बुधवार सुबह वर्मा के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापेमारी शुरू की थी ।इसने एनसीआर में कई जगहों पर डॉ वर्मा की संपत्तियों पर भी छापेमारी की। इसी सिलसिले में गुरुवार को भी अस्पताल परिसर में दस्तावेजों की तलाश में छपा मारा गया । सीबीआई की टीम दस्तावेजों की तलाश कर रही थी।