उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की ओर से शराबबंदी का एलान करने के बाद बाबा महाकाल के सेनापति भगवान कालभैरव मंदिर, जहां भगवान को श्रद्धालु शराब का भोग लगाते हैं, इस परंपरा के चलते मंदिर के बाहर आबकारी विभाग की दो सरकारी शराब दुकानें संचालित होती हैं। इन दुकानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शराब खरीदकर भगवान को अर्पित करते हैं और कई लोग इसे प्रसाद के रूप में भी ग्रहण करते हैं। लेकिन अब इस नई नीति से यह दोनो दुकाने बंद हो जाएगी। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आदेश आने के बाद नई आबकारी नीति के अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा। वहीं उज्जैन शहर के नगर निगम क्षेत्र में 17 शराब की दुकान आती हैं, जिससे आबकारी विभाग को 242 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलता है, लेकिन अब मोहन सरकार कैबिनेट के फैसले के बाद इन 17 दुकानों पर ताला लग जाएगा और 242 करोड़ रुपए का नुकसान आबकारी विभाग को होगा। कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि कालभैरव के इस मुद्दे पर फैसला अभी बाकी है और जब आदेश जारी होगा, तब काल भैरव मंदिर के आसपास शराब बंदी के आदेश पर विचार किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काल भैरव बाबा महाकाल के सेनापति है। महाकाल दर्शन से पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन किए जाते हैं। भगवान काल भैरव को आदिकाल से ही शराब का भोग लगाकर सबके सामने पिलाई जाती है। यही वजह है कि मंदिर के पास दो शराब की दुकानें हैं, जहां से प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु करीब 5 लाख रुपए की शराब लेते है। उज्जैन में शराब बंदी को लेकर सवाल उठ रहा है कि काल भैरव मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों को शराब चढ़ाने के लिए शराब कहां से मिलेगी….? ऐसे में यहां शराब बंदी के आदेश को कैसे लागू किया जाएगा? उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास जी महाराज ने कहा कि सरकार शराब बंदी लागू करे, लेकिन काल भैरव मंदिर में ख़ास ध्यान देकर नई नीति बनाए, ताकि लोग इसे सिर्फ चढ़ाने के उद्देश्य से ही खरीद सके। साथ ही भक्तों को दुकान से शराब सीमित मात्रा में ही मिले।