नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने झारखंड सरकार और भाजपा नेता को नोटिस जारी कर इसके बारे जवाब मांगा है। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले झारखंड के चाईबासा में अपने एक भाषण के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह को हत्यारा बताया था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर शाह के खिलाफ 2019 में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप के साथ मानहानि का केस किया था। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कई न्यायिक फैसलों में बताया गया है कि केवल पीड़ित व्यक्ति ही आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत किसी तीसरे पक्ष की ओर से दायर की गई थी। मानहानि मामले में ऐसा करना स्वीकार्य नहीं होता है। 2018 में भी चाईबासा में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था, भाजपा में कोई भी हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। तब केंद्रीय मंत्री शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद थे। राहुल गांधी के बयान के बाद भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप कटियार ने चाईबासा के सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसके बाद चाईबासा में दायर मामले को सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। यहीं सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से दायर याचिका को जस्टिस ऋषि कुमार ने खारिज करते हुए हाजिर होने का नोटिस दिया है।