भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल में 30वें इंटर प्रेस क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने खेलों के महत्व को रेखांकित करते हुए नई शिक्षा नीति (NEP) में किए गए बड़े बदलावों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि खेल शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को अब असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर कुलगुरु (वाइस चांसलर) बनने का अवसर मिलेगा।
नई शिक्षा नीति: खेल को मुख्यधारा में लाने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब खेल के आधार पर डिग्री प्राप्त करना और खेल शिक्षकों को उच्च प्रशासनिक पदों तक पहुंचाने का रास्ता खोला गया है। यह बदलाव खेलों को एक सम्मानजनक करियर विकल्प बनाने और समाज में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
खेलों का महत्व और भारतीय संस्कृति
डॉ. यादव ने खेलों को मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में खेलों का गहरा इतिहास है। उन्होंने कहा कि खेल जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करते हैं, जो व्यक्तिगत दक्षता और क्षमता को निखारने में मददगार होते हैं।
भोपाल में खेल बुनियादी ढांचे का विस्तार
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भोपाल में एक आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम विकसित करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी।
केंद्र सरकार की योजनाएं और युवा खिलाड़ियों की सफलता
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के परिणामस्वरूप कई युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
टूर्नामेंट का उद्घाटन और मुख्यमंत्री की बल्लेबाजी
भोपाल के ओल्ड केम्पियन ग्राउंड पर आयोजित 30वें इंटर प्रेस क्रिकेट टूर्नामेंट-2025 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने बल्लेबाजी कर मैच की शुरुआत की। उन्होंने खेल पत्रकार संघ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन खेल प्रतिभाओं को निखारने का एक प्रभावी माध्यम हैं।
खेलों को सशक्त करियर विकल्प बनाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव से न केवल खेल शिक्षकों के लिए नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि यह युवाओं को खेल को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
निष्कर्ष
डॉ. मोहन यादव की यह पहल खेल शिक्षा और खिलाड़ियों के लिए एक नई दिशा का संकेत है। नई शिक्षा नीति से प्रदेश में खेलों के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ेगा, साथ ही खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे।