अनूपपुर जिले में 1700 से अधिक किसानों को फसल बेचने के बावजूद उनकी मेहनत की कमाई का भुगतान नहीं मिला है। इन किसानों के खातों में अब तक 14 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अटकी हुई है। कई दिनों के इंतजार के बाद भी भुगतान न मिलने से किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
समस्या की मुख्य वजहें
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, जिन 1778 किसानों के भुगतान में देरी हो रही है, उसका मुख्य कारण उनके बैंक खातों में डीबीटीएल (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) का सक्रिय न होना और आधार कार्ड का लिंक न होना है। भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण यह असफल हो गई।
किसानों की नाराजगी
किसानों को यह भरोसा दिया गया था कि फसल बेचने के तीन दिनों के भीतर उनके खाते में राशि पहुंच जाएगी। लेकिन कई हफ्ते बीत जाने के बावजूद अब तक उन्हें पैसे नहीं मिले। इससे उनके खेती के अन्य कार्य और घरेलू जरूरतें प्रभावित हो रही हैं।
विभागीय प्रयास
- संबंधित विभाग ने सहकारी समितियों और केंद्रीय सहकारी बैंक को किसानों के खातों में डीबीटीएल को सक्रिय करने और आधार लिंक कराने के लिए पत्राचार किया है।
- समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रभाव और सुझाव
- किसानों का संकट: फसल का भुगतान न मिलने से किसानों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उनकी खेती और घरेलू आवश्यकताओं में रुकावट आ रही है।
- तेजी से समाधान की आवश्यकता:
- बैंक खातों की समस्या को हल करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
- भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया जाए।
- निरंतर संवाद: किसानों को उनकी भुगतान स्थिति की नियमित जानकारी दी जाए ताकि उनकी चिंताओं को कम किया जा सके।
निष्कर्ष
यह स्थिति किसानों के लिए न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक दबाव भी बढ़ा रही है। प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। तकनीकी खामियों को दूर करते हुए किसानों को जल्द से जल्द उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि उनकी परेशानियां कम हो सकें।