विकलांग नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के दोषी फिजियोथेरेपिस्ट को 44 साल सश्रम कारावास की सजा

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तिरुवनंतपुरम। तिरुवनंतपुरम के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (पोस्को) ने एक फिजियोथेरेपिस्ट को मानसिक रूप से विकलांग नाबालिग लड़की के साथ बार-बार यौन शोषण के आरोप में 44 साल के कठोर कारावास (RI) की सजा सुनाई और 8.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश एम पी शिबू नेय्यातिनकारा निवासी 36 वर्षीय शिनोज को 2019 में किए गए गंभीर यौन शोषण का दोषी ठहराया। लड़की 74% विकलांग है। उसके माता-पिता उसे 2019 में तिरुवनंतपुरम के एक अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए ले गए। वहां कार्यरत शिनोज ने लड़की का उसके घर पर ही इलाज करने की पेशकश की। वह लड़की के घर आता और इलाज की आड़ में उसका यौन शोषण करता। माता-पिता को उसके व्यवहार में बदलाव पर संदेह हुआ और उसे काउंसलिंग के लिए भेजा गया। लड़की ने अपने काउंसलर को अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया। मामला दर्ज किया गया और अपराध शाखा के डीएसपी ने जांच की। अभियोजन पक्ष की ओर से कट्टईकोणम के विशेष लोक अभियोजक जे के अजीत प्रसाद और अधिवक्ता वी सी बिंदु पेश हुए। अदालत ने आदेश दिया कि अगर दोषी जुर्माना अदा करने में विफल रहता है, तो उसे चार साल और चार महीने की कैद की सजा काटनी होगी। जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी। अदालत ने आदेश दिया कि कानूनी सेवा प्राधिकरण पीड़िता को मुआवजा भी देगा।

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