गुरुग्राम। साइबर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों पर बैंक खाता खोलने और फिर उसे साइबर ठगों को उपलब्ध कराने के एक और मामले में शनिवार को यूको बैंक के डिप्टी मैनेजर राम अवतार समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। राम अवतार राजस्थान की मानसरोवर शाखा में डेढ़ साल से कार्यरत था। इसे मानसरोवर से ही पकड़ा गया। एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि 23 जुलाई को एक व्यक्ति ने साइबर थाना पश्चिम में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि साइबर ठगों ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर उनसे 24 लाख रुपये ठग लिए। केस दर्ज होने के बाद जांच में जुटी साइबर पुलिस तकनीकी सहायता लेकर उस आरोपी तक पहुंची, जिसके खाते में ठगी की रकम गई थी। पूछताछ के आधार शनिवार को बैंक खाता धारक व फर्जी कागजात पर बैंक खाता खोलने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान राजस्थान के मांगरोल निवासी कनिष्क विजय वर्गीय व जयपुर के जगतपुरा निवासी राम अवतार के रूप में की गई। इस समय दाेनों जयपुर के मानसरोवर में अलग-अलग किराये से रहते थे। फरवरी से अब तक साइबर ठगी के विभिन्न मामलों की जांच के दौरान गुरुग्राम साइबर पुलिस ने 20 बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। सवाल उठता है कि आरबीआई की ओर से इतने कड़े नियमों के बावजूद बैंक प्रबंधन इन नियमों की जांच क्यों नहीं कर रहा है। बैंक कर्मचारियों के कामकाज की देखरेख क्यों नहीं हो रही है। कई मामलों में तो बैंक कर्मचारी सीधे तौर पर फर्जीवाड़े में संलिप्त मिले। वहीं, कई मामलों में ऐसे भी बैंक कर्मचारी पकड़े गए, जिन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया। टारगेट पूरा करने के चक्कर में मौके पर जाकर केवाइसी नहीं की और जल्दबाजी में खाते खोल दिए। खाता धारकों ने फर्जी पते और कागजात पर खुलवाए खातों को साइबर ठगों को बेचकर लाभ कमाया।