नई दिल्ली। मानसिक रूप से विकलांग लोगों के लिए रोहिणी में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आशा किरण होम में एक महीने में 12 कैदियों की कथित मौत का संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( एनएचआरसी ) ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी के अनुसार , 15 जुलाई से 31 जुलाई के बीच सरकारी आश्रय गृह , आशा किरण में मरने वाले 12 कैदियों में 10 महिलाएं और दो पुरुष थे। एनएचआरसी की शनिवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि उनके लक्षण समान थे, यानी दस्त और उल्टी। कई अन्य कैदियों का कथित तौर पर अस्पताल में इलाज चल रहा है। जुलाई में शेल्टर होम की मेडिकल केयर यूनिट के आंकड़ों के अनुसार, 54 कैदियों को इलाज के लिए सुविधा से बाहर भेजा गया था। एनएचआरसी ने कहा कि इससे चिंता पैदा हुई है और शेल्टर होम में उपेक्षा और खराब रहने की स्थिति के आरोप फिर से सामने आए हैं। आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह कथित रूप से अत्यधिक भीड़भाड़ वाले आश्रय गृह में रहने वाले लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। आयोग ने कहा कि इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में कैदियों की मौत अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाती है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि तदनुसार, आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।