लखनऊ। गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अनासरी की मृत्यु के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि जो सरकार “जीवन की रक्षा नहीं कर सकती, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मृतक के बेटे उमर अंसारी ने दावा किया कि उसके पिता को खाने में ‘जहर’ दिया गया था। अब पूरा देश सब जानता है, दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे नहीं मिलने दिया गया। हमने पहले भी कहा था और आज भी हम धीमा जहर देने के आरोप के बारे में यही कहेंगे। 19 मार्च को उन्हें रात्रिभोज में जहर दिया गया था। हम न्यायपालिका का रुख करेंगे, हमेंउस पर पूरा भरोसा है। अखिलेश ने कहा कि ऐसे सभी ‘संदिग्ध मामलों’ की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए। एक्स पर पोस्ट की एक श्रृंखला में, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हर स्थिति और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार की पहली जिम्मेदारी और कर्तव्य है। निम्नलिखित में से किसी भी परिस्थिति में किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होगी न्यायिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास कम हो गया है। उनके पोस्ट में कहा गया कि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए। जिस तरह से सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर दूसरे तरीके अपनाती है, वह पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने कहा कि जो सरकार जीवन की रक्षा नहीं कर सकती, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। यह यूपी में कानून-व्यवस्था का ‘शून्यकाल’ है। इससे पहले दिन में, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में मौत के संबंध में उनके परिवार द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की उच्च-स्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि उनकी मौत से संबंधित तथ्य सामने आ सकें।