नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा मामले में गिरफ्तार नीलम आजाद की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका को कोई आधार नहीं है, क्योंकि आरोपित नीलम ने पहले ही निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल कर दी है। इससे पहले न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा बंसल की पीठ ने मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। बता दें, नीलम ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पुलिस रिमांड को चुनौती दी है। नीलम ने रिमांड को अवैध बताते हुए याचिका में कहा है कि निचली अदालत की कार्यवाही के दौरान अपना बचाव करने के लिए अपनी पसंद के अधिवक्ता से परामर्श करने की अनुमति नहीं दी गई है। नीलम ने हाई कोर्ट के समक्ष पेश करने स्पेशल सेल को निर्देश देने की मांग की है। याचिका में आजाद ने कहा कि उसे अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं देना उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।