कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने मंगलवार (29 अगस्त) को ईडी अधिकारियों को तलब कर लिया। दरअसल, पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये लेने के मामले की ईडी अधिकारियों को एक कॉर्पोरेट कंपनी में 18 घंटे जांच की। इसके बाद कंपनी के मालिक ने ईडी आधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने कंपनी के कंप्यूटर में बाहर से फाइल डाउनलोड करके डाल दिया। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद कोलकाता पुलिस ने ईडी अधिकारियों को तलब किया है।
स्कूल नौकरी मामले में मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र हैं। ईडी अधिकारियों के खिलाफ दक्षिण कोलकाता स्थित कंपनी के एक कर्मचारी ने शिकायत की है, इसके बाद ही कोलकाता पुलिस ने ईडी को समन भेजा। बात दें कि इससे एक दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी परोक्ष रूप से केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर अपने सबूत गढ़ने का आरोप लगाया था। सीएम ममता ने सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे कल किसी से एक मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि अभिषेक को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा क्योंकि उसके कंप्यूटर से सभी सबूत दोबारा प्राप्त कर लिए हैं। हां, उन्होंने कंप्यूटर से कुछ फाइलें पुनर्प्राप्त की हैं और अपनी फाइलें वहां डाल दी हैं। लेकिन हम मूर्ख नहीं हैं। हमने उन फाइलों को प्लांट करने के सारे सबूत भी निकाले हैं जो कंप्यूटर में थे ही नहीं. मामले में एक सामान्य डायरी भी दाखिल की गई है। इस बीच, ईडी ने दावा किया है कि उन्होंने पहले ही कोलकाता पुलिस आयोग को उन फाइलों के बारे में बता दिया है। ईडी ने कहा, उनके एक अधिकारी ने अपनी बेटी के लिए हॉस्टल सर्च करते समय अनजाने में फाइल डाउनलोड कर लिया था। ईडी अधिकारी की बेटी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि छात्रों के हॉस्टल से संबंधित अनजाने फाइल डाउनलोडिंग कंपनी पर छापेमारी और तलाशी अभियान खत्म होने के बाद की गई थी। साथ ही यह सब सीसीटीवी निगरानी के तहत और कंपनी के कर्मचारियों के साथ-साथ वहां मौजूद गवाहों की मौजूदगी में की गई थी। वहां सरकारी पंजाब नेशनल बैंक के एक उप प्रबंधक और एक सहायक प्रबंधक शामिल स्वतंत्र गवाह थे। हालांकि, ईडी स्वीकार किया है कि उसके अधिकारी को ज्यादा सावधान रहना चाहिए था और छापेमारी अभियान पूरा होने के बाद भी निजी फाइलों को डाउनलोड करने से बचना चाहिए था।