नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2004 से अमेरिका में रह रहे एक व्यक्ति को कोर्ट की अवमानना के लिए छह महीने की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसी के साथ उसपर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति को सजा देने के साथ ही उसे भारत लाने के लिए केंद्र और सीबीआई को हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने जनवरी के आदेश में व्यक्ति को उसके बेटे के साथ भारत आने का आदेश दिया था, जिसे वो अपनी पत्नी से लड़ाई के बाद विदेश ले गया था। कोर्ट ने अब उसे दोषी ठहराते हुए उसपर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने कहा कि आरोपी ने कोर्ट के आदेश की अवमानना पछतावे का कोई संकेत नहीं दिखाया है और इसके विपरीत, उसकी ओर से मिले जवाब स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वो शीर्ष अदालत के आदेशों का सम्मान नहीं करता है। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने 2007 में दोषी की पत्नी द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए उस व्यक्ति को सजा दी और कहा कि उसने कोर्ट के आदेश की अवमानना की। दरअसल, व्यक्ति ने महिला को अपने 12 वर्षीय बेटे की कस्टडी से वंचित कर दिया गया था, जिसके लिए वह मई 2022 के आदेश के अनुसार हकदार थी। कोर्ट के आदेशानुसार व्यक्ति को अपने बच्चे, जो उस समय कक्षा 6 में पढ़ रहा था उसे अजमेर में वापिस लाना था। कोर्ट ने कहा था कि जब तक बच्चा 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी नहीं कर लेता, तब तक वह हर साल 1 जून से 30 जून तक अपने पिता के साथ कनाडा और अमेरिका जा सकता है। पीठ ने इसके बाद आदेश की अवमानना के लिए उसे दोषी ठहराया। कोर्ट ने अपने जनवरी के आदेश में कहा था कि वह व्यक्ति पिछले साल सात जून को अजमेर आया था और अपने बेटे को अपने साथ कनाडा ले गया, लेकिन उसे भारत वापस लाने में विफल रहा।