धोखेबाजों के एक गिरोह का पर्दाफाश, 10 गिरफ्तार

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-बड़ी कंपनियों की घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाएं लोगों को बेचते थे
-गिरोह ने भारत भर में 6372 लोगों से करीब दो करोड़ ठगा है
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ की विशेष टीम ने एक घटिया आयुर्वेदिक दवाओं को बेचकर लोगों को धोखा देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 42 मोबाइल फोन, 9 लैपटॉप, घटिया क्वालिटी की दवाएं और हकीम सुलेमान ग्रुप का डेटा बरामद किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विकास पाल निवासी स्वरूप विहार, दिल्ली, उम्र 25 साल,सोनू पाल पुत्र स्वरूप विहार, दिल्ली, उम्र 26 वर्ष,राहुल सिंह निवासी ग्राम गांधीपुर, पोस्ट बेलहरा, जिला. बाराबंकी, यूपी, उम्र 26 साल, समर निवासी ग्राम गांधीपुर, पोस्ट बेलहरा, जिला। बाराबंकी, यूपी, उम्र- 29 साल, उग्रसेन सिंह निवासी ग्राम गांधीपुर, पोस्ट बेलहरा, जिला. बाराबंकी, यूपी, उम्र- 34 साल, जितेन्द्र कुमार सिंह निवासी ग्राम किशुनपुर, थाना रामनगर, जिला. बाराबंकी, यूपी, उम्र 32 साल, रोहित सिंह निवासी ग्राम अमीर सिंह पुरवा, थाना सुजोली, जिला. बहराइच, यूपी, उम्र 24 साल, सतीश सिंह निवासी ग्राम सिकिटिहा छपका थाना ईसानगर, जिला. लखीमपुर खीरी, यूपी, उम्र 26 साल, राजेश सिंह निवासी विकास नगर, हनुमान चैक, दिल्ली, उम्र 25 साल और आशुतोष कुमार निवासी पचिम विहार, नई दिल्ली के रूप् में हुई है।
आईएफएसओ, स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि सचिन दहिया, मैनेजर एडमिन, उनायुर मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड (यूएमपीएल) ने आईएफएसओ के पास एक शिकायत दर्ज कराई जिसमें यह आरोप लगाया गया कि नकली, नकली, गलत ब्रांड वाली और मिलावटी दवाएं उनके ग्राहकों को कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा वितरित की जा रही हैं जो खुद को यूएमपीएल के कर्मचारियों के रूप में पेश करते हैं और विभिन्न मोबाइल से ग्राहकोंध्मरीजों को कॉल करते हैं। संख्या और उन्हें रियायती दरों पर दवाइयां बेचने का लालच देकर, जिससे ग्राहकों को गलत नुकसान होता है और खुद को गलत लाभ होता है। यह भी आरोप लगाया गया कि जालसाजों ने उनायुर मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड (यूएमपीएल) और लगभग 6372 मरीजों को उनके द्वारा वर्ष 2017 के बाद से 1.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। सेल ने मामला दर्ज कर इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक टीम बना दी। जिसमें अवधेश में एसआई सोनम जोशी, एसआई हरजीत, एएसआई नीरज पांडे, एएसआई सुरेंद्र राठी, एचसी धर्मेंद्र, एचसी मोहित, एचसी राजेश, एचसी प्रदीप, सीटी शामिल हैं। जांच के दौरान, विभिन्न कूरियर कंपनियों से प्रासंगिक खाता विवरण और कथित नंबरों के कॉल विवरण रिकॉर्ड एकत्र किए गए और उनका विश्लेषण किया गया और यह पता चला कि खाते दिल्ली और लखनऊ से खोले गए थे। इसके अलावा दोनों शहरों में कथित नंबरों की लोकेशन भी मिली। हालांकि, कथित व्यक्तियों के पते का पता नहीं चल रहा था। इसलिए, टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और व्यापक क्षेत्र की जांच की और अंत में स्वरूप नगर (दिल्ली), इंदिरा नगर और जानकीपुरम (लखनऊ) में स्थित तीन कॉल सेंटरों का पता लगाने में सफल रही। नतीजतन, टीम ने तीनों स्थानों पर एक साथ छापेमारी की और आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा, उनके कहने पर बड़ी मात्रा में घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाएं बरामद की गईं।
आरोपी राहुल सिंह इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। वह 1453ध्16 इंदिरा नगर, लखनऊ में उग्रसेन, समर सिंह और जितेंद्र सिंह जैसे अन्य भागीदारों के साथ फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। उसने कई व्यक्तियों के माध्यम से एयरटेल के एक कर्मचारी राजेश सिंह से शिकायत कंपनी का डेटा प्राप्त किया था। उसने डेटा को विकास पाल निवासी दिल्ली और अन्य को 60 प्रतिषत कमीशन पर बेच दिया। इन कॉल सेंटरों पर टेलीकॉलर शिकायतकर्ता कंपनी के ग्राहकों को रियायती दवाओं का झांसा देकर उन्हें घटिया किस्म की आयुर्वेदिक दवाएं बेचते थे।

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