विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली-एनसीआर में ड्रग कार्टेल से जुडे एक सिंडीकेट के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से कुल 14.5 किलोग्राम मेथाक्वलोन ड्रग बरामद किया है। बरामद नशीली दवाओं की अंतरराष्ट्रीय कीमत 60 करोड़ रुपये से अधिक है. गिरफ्तार किए गए तीनों ड्रग्स स्पलायर अफ्रीकी मूल के हैं.
स्पेशल सेल के डीसीपी एचजीएस धालीवाल ने बताया कि दिल्ली एनसीआर से देश के कुछ हिस्सों में मादक पदार्थों की तस्करी में अफ्रीकी मूल के कई दिल्ली स्थित व्यक्तियों के लिप्त होने के बारे में स्पेशल सेल की साउथ रेंज टीम को जानकारी मिली थी। जिसके बाद डीसीपी आलोक कुमार ने एसीपी अतर सिंह की निगरानी में इंसपेक्टर रणजीत सिंह संजीव कुमार व सतविंदर सिंह के साथ एसआई बलराज, हैड कांस्टेबल देवेंद्र, अमित, नवीन, अनिल, हरविंदर की टीम बनाकर ड्रग्स स्पलायारों को पकड़ने का काम सोंपा गया।
स्पेशल सेल की टीम ने सबसे पहले 4 मार्च को धौला कुआं-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंप के पास मेथाक्वलोन ड्रग्स की खेप के साथ एक नाइजीरियाई नागरिक को पकडा. उसके पास मौजूद ट्रॉली बैग 4.680 किलोग्राम मेथाक्वलोन बरामद की गई. इस संबंध में थाना विशेष प्रकोष्ठ में एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया कर पूछताछ हुई तो उसकी पहचान नममानी अहुकाजुदे के रूप में हुई. उसने खुलासा किया कि वह दिल्ली एनसीआर में अफ्रीकी मूल के व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे ड्रग कार्टेल का सदस्य था. बरामद ड्रग्स को उसने ग्रेटर नोएडा में रहने वाले कोटे-डी-आइवर के एक फ्रैंक ओमर लब्राहिम से खरीदा था. पुलिस टीम ने अहुकाजुदे की मदद से अगले दिन जनकपुरी के पास फ्रैंक को पकडा उसके पास से कोरोला एल्टिस कार भी बरामद हुई. कार की डिक्की से 8 किलो मेथाक्वलोन बरामद किया गया। फ्रेंक ने खुलासा किया कि उसे ड्रग की खेप ग्रेटर नोएडा के एक अन्य ड्रग सप्लायर चिनजी से मिली थी, जो एक नाइजीरियाई नागरिक है.
मामले की आगे की जांच के दौरान, चिनजी को पकडा गया तो उसके कब्जे से 1.250 किलो मेथाक्वलोन बरामद किया गया। उसके ग्रेटर नोएडा स्थित घर की तलाशी में 570 ग्राम मेथाक्वलोन बरामद किया गया. इस तरह तीनों गिरफ्तार किए गए ड्रग सप्लायर्स से मेथाक्वलोन की कुल बरामदगी अब 14.5 किलोग्राम है.
गिरफ्तार तीन नशा तस्करों से गहन पूछताछ की गई। उन्होंने खुलासा किया कि वे ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी मूल के एक व्यक्ति से मेथक्वलोन की खेप प्राप्त करने के बाद दिल्ली के आईएनए मार्केट, वसंत कुंज मॉल, सी-1 जनक पुरी और विकासपुरी इलाके में ड्रग्स का लेन-देन करते थे. गिरफ्तार तीनों ने दिल्ली एनसीआर से बेंगलुरु और मुंबई में भी ड्रग्स भेजने का भी खुलासा किया. उनका काम करने का तरीका यह है कि वे अपने कैरियर्स को अहमदाबाद के माध्यम से केवल लंबे रूट की बसों द्वारा बैंगलोर भेजते हैं, जो वे धौला कुआँ, दिल्ली में सवार होते हैं. वाहक अपने बैग की जगहों में ड्रग्स छिपाकर ले जाते हैं. ड्रग्स के कब्जे में होने पर वे कभी भी ट्रेन या हवाई जहाज से यात्रा नहीं करते हैं. खेप पहुंचाने के बाद वाहक हवाई मार्ग से दिल्ली लौटते हैं. उन्होंने खुलासा किया है कि वे दो साल से अधिक समय से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त थे.
तीनों गिरफ्तार ड्रग सप्लायर वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं. नममानी अहुकाजुदे ने खुलासा किया है कि वह मार्च 2022 में छह महीने के पर्यटक वीजा पर भारत आया था, लेकिन वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अपने देश नहीं लौटा. उसके पास से बरामद पासपोर्ट पर दो फर्जी वीजा स्टीकर भी लगे हैं क्योंकि मार्च 2022 में आने के बाद भारत से कोई रवानगी नहीं हुई है.