दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है पुलिस
मुख्य आरोपी को कोर्ट ने किया था भगौड़ा घोषित
मालवीय नगर पुलिस को मिली कामयाबी
नई दिल्ली। अयोध्या में मस्जिद विध्वंस के बाद सीलमपुर में दंगा भड़क उठा। दंगे के दौरान तीन बदमाशों ने वेलकम पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया और मारपीट कर पुलिसकर्मियों का हथियार लूट फरार हो गये। इसमें शामिल पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी राजधानी में छिपकर रह रहा था। मालवीय नगर पुलिस को उस समय बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब पुलिस ने कल मुख्य आरोपी को यमुनापार से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद 7 दिसंबर को सीलमपुर में हजारों की सं ख्या में लोग सड़कों पर उतर गये। दंगों पर काबू पाने के लिए हजारों की संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किये गये थे। यमुनापार के सभी थानों के थाना प्रभारी मौके पर तैनात थे। इसी दौरान तीन बदमाशों ने वेलकम पुलिस पर हमला बोल दिया। बदमाशों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट के बाद हथियार लूट लिया और फरार हो गये।
सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने तीनों की पहचान इरफान, युसूफ और महबूब अंसारी के रूप में हुई है। 2003 में पुलिस ने इरफान और युसूफ को गिरफ्तार कर लिया था। कड़कडड़ूमा कोर्ट ने पुलिसकर्मियों का हथियार लूटने के मामले में 2006 में संभल मुरादाबाद निवासी महबूब अंसारी को भगौड़ा घोषित किया था।