नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) वीके सक्सेना ने सोमवार को 200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पांच इंजीनियरों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पीडब्ल्यूडी में विद्युत प्रभाग के दो सहायक इंजीनियरों (एई) और तीन कनिष्ठ इंजीनियरों (जेई) के खिलाफ जांच करने की अनुमति दी गई है। अब भ्रष्टाचार निवारण (पीओसी) अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 17ए के तहत एसीबी जिन पांच इंजीनियरों के खिलाफ जांच शुरू करेगी उनमें स्वास्थ्य क्षेत्र के सुभाष चंद्र दास (एई), सुभाष चंद (एई), अभिनव (जेई), रघुराज सोलंकी (जेई) और राजेश अग्रवाल (जेई) शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि शिकायतों के अनुसार, इन इंजीनियरों पर दिल्ली सरकार के तहत विभिन्न अस्पतालों में आपातकालीन कार्यों के नाम पर विभिन्न कंपनियों को उनके अनुकूल निविदाएं देने में मदद करने का आरोप है। जिन अस्पतालों में दो सहायक इंजीनियरों और तीन जूनियर इंजीनियरों ने कथित तौर पर घोटाले के लिए अपने संबंधों का इस्तेमाल किया उनमें लोक नायक अस्पताल, मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस, जीबी पंत अस्पताल और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।