नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के पीड़ितों और ऐसी दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों दोनों को त्वरित मौद्रिक मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के पुलिस अधिकारियों को कई निर्देश जारी किए हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधों में बड़े पैमाने पर वृद्धि की तुलना में बहुत कम पीड़ितों ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवजा योजना का लाभ उठाया है, जिसका कारण जागरूकता की कमी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित रिकॉर्ड का हवाला देते हुए, शीर्ष अदालत ने कहा कि 2016 में 55,942 हिट-एंड-रन दुर्घटनाएं हुईं, 2017 में 65,186, 2018 में 69,621 और 2019 में 69,621 दुर्घटनाएं हुईं। एमवी (मोटर वाहन) अधिनियम, 1988 की धारा 145 के खंड (डी) के अनुसार, मोटर वाहन से जुड़ी दुर्घटना को हिट-एंड-रन माना जा सकता है, बशर्ते कि उचित प्रयासों के बावजूद वाहन की पहचान सुनिश्चित न की जा सके।