गाजियाबाद। शादी की आड़ में रईस परिवारों को ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का गाजियाबाद पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। दुल्हन बनने वाली उसकी भांजी, सगी बहन व एक रिश्तेदार फरार है। महिला चिकित्सक की मां व दिव्यांग भाई की देखभाल के लिए घरेलू सहायिका बनकर घर में घुसी और मां की मौत के बाद उन्होंने उसे नौकरी से निकालने की बात कही तो महिला ने एक फोटो दिखाकर कहा कि वह नौकरानी नहीं बहू है। फोटो में वह पीड़िता के दिव्यांग भाई के साथ माला डाले खड़ी थी। डीसीपी ग्रामीण विवेक ने बताया कि मसूरी के नूरपुर गांव में रहने वाले सचिन कुमार को गिरफ्तार किया है। दिव्यांग से शादी का दावा करने वाली उसकी भांजी प्रीति, प्रीति की मौसी एवं सचिन की सगी बहन प्रवेश और उसकी रिश्तेदार नीलम फरार हैं, जिन्हें तलाश कर रहे हैं। प्रीति सोनीपत के रोहट की रहने वाली है और नीलम मोदी नगर की है। मुराद नगर में एक शिक्षण संस्थान की चांसलर डॉ. सुधा सिंह की बेटी डॉ. आकांक्षा ने पुलिस को शिकायत दी थी कि प्रीति को उनकी मां ने नौकरानी के रूप में रखा था। मां की मौत के बाद वह खुद को उनके दिव्यांग भाई की पत्नी बताकर मकान व संपत्ति हड़पना चाहती है। सुधा के मुराद नगर स्थित घर नीलम का आना-जाना था। पांच साल पहले सुधा के बड़े बेटे की हादसे में मौत हो गई थी। डॉ. सुधा को कैंसर था और उनके अलावा परिवार में दिव्यांग बेटा शिवम ही है। नीलम ने करोड़ों की संपत्ति देख सचिन को उनके बारे में बताया और डॉ. सुधा से कहा कि शिवम की शादी कर लो, नहीं तो वंश कैसे चलेगा। सुधा पूर्व में शिवम की अमरोहा से शादी करा चुकी थीं, लेकिन उसके दिव्यांग होने का पता चलने पर वह छोड़कर चली गई थी। इसीलिए उन्होंने कहा कि इससे शादी कौन करेगा तो नीलम ने कहा गरीब परिवार की लड़की है। बात मैं करवा दूंगी, लेकिन आप अपनी बेटी को मत बताना। संपत्ति के लिए कोई किसी भी हद तक जा सकता है। सुधा ने बात मान ली और नीलम ने अपने घर पर प्रीति व शिवम के गले में माला डलवाई और फोटो खींच लिया, जिसमें दोनों के साथ सुधा भी खड़ी थीं। प्रीति का व्यवहार देख सुधा को शक हुआ और उन्होंने शिवम के नाम की वसीयत बदलकर आकांक्षा को अपना वारिस बना दिया था। सुधा की तबीयत खराब हुई तो आकांक्षा उनके घर आईं। उन्होंने प्रीति को देख पूछा तो प्रीति ने खुद को नौकरानी बताया। उसके हाव भाव देख उन्हें शक हुआ और उन्होंने प्रीति से एक पेपर पर लिखवा लिया कि वह यहां पर नौकरानी ही है। सुधा को गंभीर हालत में अगस्त में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां आठ अगस्त को उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के बाद डॉ. आकांक्षा ने प्रीति को नौकरी छोड़ने को कह दिया और पति के साथ मां के घर शिफ्ट हो गईं ताकि शिवम की देखभाल कर सकें। इस पर प्रीति भड़क गई और कहा कि उसकी शिवम से शादी हो गई है। साथ ही पुलिस को शिकायत भी दे दी कि उसे घर से निकाल दिया गया है। कई बार वह सचिन, प्रवेश और नीलम को लेकर उनके घर में घुस गई। कई बार पुलिस उनकी सूचना पर भी पहुंची। संपत्ति हाथ से निकलती देख चारों उन्हें धमकी देने लगे। इसके बाद वह पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र से मिलीं तो मामले का पर्दाफाश हुआ। सचिन पर जमीन हड़पने और धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं। डीसीपी ग्रामीण ने बताया कि पुलिस की जांच बढ़ती देख चारों फरार हो गए थे। सचिन की गिरफ्तारी के बाद प्रीति की तलाश के लिए सोनीपत पुलिस टीम गई तो पता चला कि इससे पहले भी चार लोगों से ठगी की गई है।