नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह द्वारा कथित तौर पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने पर दिल्ली पुलिस अधिकारियों को समन जारी किया है। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के संबंध में दिल्ली महिला आयोग को एक शिकायत प्राप्त हुई। शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्ति भारतीय कुश्ती महासंघ में अपने कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध में शामिल रहा है। इस संबंध में उनके द्वारा थाना कनॉट प्लेस में दिनांक 21.04.2023 को एक शिकायत दी गई थी। मगर दिल्ली पुलिस ने 28.04.2023 तक एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
महिला पहलवानों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही दिनांक 28.04,2023 को दो एफआईआर दर्ज की गईं। एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में पॉक्सो के तहत बृज भूषण सिंह के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि अन्य शिकायतकर्ताओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक और एफआईआर दर्ज की गई है।
आयोग को पता चला है कि इस मामले में आज तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह भी पता चला है कि प्राथमिकी दर्ज होने के 10 दिन बीत जाने के बावजूद, नाबालिग लड़की सहित अन्य पीड़िताओं के 164 सीआरपीसी के तहत बयान आज तक दर्ज नहीं किए गए हैं।
इस संबंध में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नई दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त को समन जारी कर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने इस मामले में की गई गिरफ्तारियों का ब्योरा मांगा है और आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी नहीं होने का कारण पूछा है। इसके अलावा, आयोग ने 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िताओं के बयान दर्ज करने में विफल रहने के कारणों के साथ-साथ बयान दर्ज करने में विफल रहने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण भी मांगा है। आयोग ने पुलिस उपायुक्त को कार्रवाई रिपोर्ट के साथ 12.05.2023 को आयोग के समक्ष पेश होने को कहा है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले में आज तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी 164 CrPC के तहत लड़कियों के बयान दर्ज करने में विफल रही है। यह बहुत गंभीर है। आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िताओं के बयान दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही बयान दर्ज करने में विफल रहने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”