नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को 30 लोक सेवकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दाखिल की। एक लोक सेवक के खिलाफ स्वीकृति का इंतजार है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति सीबीआई द्वारा पहले ही दाखिल की जा चुकी है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने को सूचित किया गया कि 30 लोक सेवकों के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इसे दाखिल कर दिया गया है। एक स्वीकृति का इंतजार है। इसके बाद अदालत ने मामले को 23 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। 7 नवंबर को अदालत ने सक्षम प्राधिकारी को नौकरी के लिए जमीन मामले से जुड़े सीबीआई मामले में आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह के भीतर स्वीकृति देने का निर्देश दिया। 20 सितंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए स्वीकृति दाखिल की। 7 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी मामले में निर्णायक आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र में 38 उम्मीदवारों के नाम भी शामिल हैं। 29 मई को अदालत ने सीबीआई को जमीन के बदले नौकरी मामले में निर्णायक आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने समय दिए जाने के बावजूद निर्णायक आरोप पत्र दाखिल न किए जाने पर भी नाराजगी जताई थी। इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य भी आरोपी हैं। जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आरोपी हैं। 4 अक्टूबर 2023 को अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में नए आरोप पत्र के संबंध में जमानत दे दी। सीबीआई के अनुसार, दूसरी चार्जशीट 17 आरोपियों के खिलाफ है, जिसमें तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के तत्कालीन दो सीपीओ, निजी व्यक्ति, निजी कंपनी आदि शामिल हैं। यह मामला जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़ा है। सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी कथित घोटाले के मामले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सहित बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।