इंदौर। धार्मिक नगरी उज्जैन में बाकी स्थानों की तुलना में सबकुछ अलग है। यहां के एक समाजसेवी ने 1 जनवरी 2024 से अब तक हत्या, बीमारी, आत्महत्या, फांसी, जहर खाने, पानी में डूबने, बारिश और दुष्कर्म सहित अन्य कारणों से लावारिस हालात में मिली लगभग 114 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया है। समाजसेवी इन लाशों को अस्पताल से श्मशान घाट लाए और फिर उनका अंतिम संस्कार कर उन्हें, मुक्ति दिलाने का प्रयास किया। उज्जैन के समाजसेवी अनिल डागर का नाम लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार के लिए जाना जाता है। इस वर्ष उन्होंने जीआरपी में 26 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया, जिनमें ट्रेन से कटने, बीमारी से मरने, आत्महत्या करने, गिरकर मरने और हाइटेंशन लाइन पकड़कर झुलसने के मामले शामिल हैं। चिमनगंज मंडी क्षेत्र में 6 लावारिस लाशें मिलीं, जिनमें एक्सीडेंट, बीमारी और पानी में डूबने से मौत हुई। देवासगेट क्षेत्र में 14 लावारिस लाशें मिलीं, जिनमें बीमारी और ठंड से मौत शामिल हैं। महाकाल थाना क्षेत्र में 14 लावारिस लाशें मिलीं, जिनमें पानी में डूबने, दुर्घटना और आत्महत्या के मामले शामिल हैं।