जेल से रिहा होंगे अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली, 28 दिन की मिली छुट्टी

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मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली को 28 दिनों की संचित (फर्लो) छुट्टी दी है। न्यायधीश नितिन सांबरे और न्यायधीश वृषाली जोशी की पीठ ने इस संबंध में फैसला सुनाया है। इससे पहले, अरुण गवली ने जेल उप महानिरीक्षक को संचित अवकाश के लिए आवेदन दिया जो खारिज होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल अरुण गवली द्वारा पिछले साल 18 अगस्त 2024 को जेल महानिरीक्षक, नागपुर को संचित अवकाश के लिए आवेदन किया था। हालाँकि, अरुण गवली के आपराधिक जगत पर प्रभाव और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि वह एक जमाने में एक आपराधिक गिरोह का नेता था, जेल महानिरीक्षक ने विधानसभा चुनाव के दौरान कानून और व्यवस्था की समस्या की संभावना को देखते हुए आवेदन को खारिज कर दिया। जेल महानिरीक्षक के इसी फैसले के खिलाफ अरुण गवली ने अपने वकीलों के माध्यम से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की थी। नागपुर पीठ ने उनकी याचिका पर फैसला किया और अरुण गवली को 28 दिनों की संचित छुट्टी दे दी। इस सुनवाई में गवली के वकील ने कहा कि गवली ने छुट्टी पर रिहा होने के बाद हर बार नियमों का सख्ती से पालन किया है। ऐसे में गवली को इस बार भी छुट्टी देने से इनकार नहीं किया जा सकता। जिसके बाद नागपुर पीठ ने विभिन्न कारकों पर विचार किया और गवली की याचिका स्वीकार कर ली और जेल उप महानिरीक्षक के विवादास्पद आदेश को रद्द करते हुए अरुण गवली की छुट्टी मंजूर कर ली। गौरतलब को कि अरुण गवली को शिवसेना के नगरसेवक कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वह नागपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं। ये घटना 2007 की है। अरुण गवली और 11 अन्य को 2012 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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