यमुनानगर। अपने परिवार के लिए तो लोग बहुत कुछ करते हैं, लेकिन किसी गैर के लिए कुछ करना बहुत बड़ी बात है। वह भी तब जब खर्चा 70 लाख का हो। यमुनानगर के नया गांव के निवासी जितेंद्र कंबोज जिनके दोनों फेफड़ों एवं हृदय का ट्रांसप्लांट किया गया। इसके लिए सामाजिक लोगों एवं संस्थाओं ने भरपूर योगदान दिया। जिसकी बदौलत आज जितेंद्र सामान्य जीवन जीने लगा है। यमुनानगर के नया गांव के निवासी जितेंद्र कंबोज अब लगभग 8 महीने बीतने के बाद एक बार फिर वह अपना सामान्य जीवन जीते हुए अपने रोजमर्रा के कार्य कर रहे हैं। एक लोअर फैमिली से संबंध रखने वाले जितेंद्र को देखने उनके गांव में रविवार को स्वस्थ्य विभाग की टीम पहुंची। स्वास्थ्य विभाग की टीम में मुख्य रूप से सेक्टर-17 डिस्पेंसरी के इंचार्ज डॉक्टर प्रतीक एवं उनके अन्य सहयोगी शामिल थे। इस ट्रांसप्लांट में उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अतिरिक्त पूरा गांव वहां जमा हो गया और सभी ने अपने-अपने अनुभव जो इस दौरान उनके सामने आए सांझा किए। लगभग आठ माह पहले यह ट्रांसप्लांट चेन्नई के एक अस्पताल में हुआ था और उसके बाद से लगातार जितेंद्र का फॉलोअप किया जा रहा है। दो बार खुद भी जितेंद्र को चेन्नई स्थित अस्पताल जाना पड़ा। अब वह बिल्कुल स्वस्थ है तथा डॉक्टर द्वारा बताई गई गाइडलाइन के अनुसार अपना जीवन जी रहे हैं। बचपन से ही उनके दिल में छेद था लेकिन आर्थिक स्थिति एवं अज्ञानता के कारण उस समय किसी बड़े अस्पताल में वह इलाज नहीं करवा सके और किसी तरह जीवन की गाड़ी चलती रही। अब जब पानी सर के ऊपर से चला गया तब क्षेत्र के लोग ही देवता बन कर उनके सामने आए।