नई दिल्ली। दिल्ली के सेवा से जुड़े मामले पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका डाली है उस पर सुनवाई के लिए अदालत तैयार हो गई है। दिल्ली सरकार ने इस याचिका के माध्यम से अध्यादेश की वैधानिकता को चुनौती दी है। ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार सौंपे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का फैसला पलट दिया था। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जब अदालत के सामने इस केस का उल्लेख किया तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई पर सहमति देते हुए 10 जुलाई की तारीख तय की। एडवोकेट सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि यह याचिका पूरे अध्यादेश को ही चैलेंज करती है। इस याचिका में केजरीवाल सरकार ने कहा है कि अध्यादेश अधिकारों का असंवैधानिक उपयोग है, जो न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बल्कि संविधान के आधारभूत ढांचे का भी उल्लंघन है।