नई दिल्ली। इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और इन्फोसिस की को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मानोनीत किया गया है। शुक्रवार को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। पीएम मोदी ने लिखा कि राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक मजबूत प्रमाण है। यह दर्शाता है कि महिलाएं हमारे देश के भविष्य को बनाने में कितनी मजबूत और सक्षम हैं। सुधा मूर्ति का जन्म उत्तरी कर्नाटक में हावेरी के शिगगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था। सुधा के पिता का नाम आर.एच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी है। उन्होंने बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। सुधा इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं। जब वह क्लास में प्रथम आईं तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उन्हें पदक से सम्मानित किया। बाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की डिग्री ग्रहण की। सुधा मूर्ति ने पति नारायण मूर्ति को अपनी कंपनी की स्थापना करने में पूरा सहयोग दिया, लेकिन वो खुद उस कंपनी में काम नहीं करती थीं। इसकी एक वजह यही थी कि नारायण मूर्ति चाहते थे कि दोनों में से कोई एक ही इस कंपनी में काम करे। उस समय सुधा मूर्ति ने पति को इस कंपनी की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी और खुद घर संभालने का निर्णय लिया। सुधा मूर्ति ने बच्चों की परवरिश के लिए अपना पूरा योगदान दिया और उन्होंने परिवार को अहमियत दी। जब नारायण मूर्ति जी अपनी कंपनी स्थापित करने के लिए घर से बाहर होते थे, उस समय सुधा मूर्ति घर संभालती थीं।