भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्षद जीतू यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके बाद मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने उनसे एमआईसी (मीडिया इंटरनेशनल कमेटी) सदस्य पद और बिजली विभाग की जिम्मेदारी भी वापस ले ली। अब यह पद खाली हो गया है, और इसे भरने के लिए राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है।
प्रमुख दावेदार
- सुरेश कुरवाड़े
- दो बार पार्षद रह चुके हैं और पूर्व एमआईसी सदस्य भी हैं।
- विधायक रमेश मेंदोला के विश्वासपात्र माने जाते हैं।
- जीतू यादव के बाहर होने के बाद उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
- पूजा पाटीदार
- पिछली बार भी एमआईसी सदस्य पद की दौड़ में थीं।
- इस बार भी उनके नाम पर विचार हो रहा है।
- मनोज मिश्रा
- मंत्री तुलसी सिलावट के समर्थक।
- हालांकि, उनकी दावेदारी कमजोर मानी जा रही है।
राजनीतिक समीकरण और गुटबाजी
- जीतू यादव को एमआईसी सदस्य बनाए जाने पर पहले ही वरिष्ठता को नजरअंदाज करने के आरोप लगे थे।
- विधायक रमेश मेंदोला का गुट इस बार अपने विश्वस्त पार्षद को इस पद पर लाने के लिए सक्रिय है।
- दो नंबर विधानसभा क्षेत्र से पहले ही राजेंद्र राठौर एमआईसी सदस्य हैं और मुन्नालाल यादव सभापति पद पर हैं।
- इस स्थिति में विधायक मेंदोला के करीबी सुरेश कुरवाड़े को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
घोषणा की संभावित तारीख
एमआईसी सदस्य पद के लिए नाम की घोषणा 26 जनवरी से पहले की जा सकती है। यह फैसला पार्टी के आंतरिक समीकरण और वरिष्ठ नेताओं की सहमति के आधार पर लिया जाएगा।
निष्कर्ष
खाली हुए एमआईसी सदस्य पद के लिए जोड़-तोड़ तेज हो चुकी है। पार्टी के भीतर वरिष्ठता और गुटीय समीकरणों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा। फिलहाल, विधायक रमेश मेंदोला के समर्थन के कारण सुरेश कुरवाड़े को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।