नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एनआईए के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक शाहनवाज को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आतंकी के साथ-साथ के उसके चार अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लिया है। पुलिस ने इनके पास से बम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आपत्तिजनक सामान को भी बरामद किया है। वहीं, पुलिस ने तीन आरोपितों को रविवार देर रात गिरफ्तार कर सोमवार सुबह कोर्ट में पेश किया, जहां से अदालत ने तीनों आतंकियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। शाहनवाज उर्फ शफी उज्जमा पर आईएसआईएस मॉड्यूल से संबंध होने का आरोप है। वह पुणे पुलिस की हिरासत से भाग गया था, जिसके बाद एनआईए ने उसपर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया था और कहा था सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। बता दें कि शाहनवाज को पुणे पुलिस ने 17-18 जुलाई की देर रात पुणे के कोथरुड इलाके में एक मोटरसाइकिल की चोरी करने की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि शाहनवाज एक विदेशी-आधारित हैंडलर ने संभवत: एक आतंकी हमले को अंजाम देने के निर्देश के साथ दो अन्य आतंकियों के सदस्यों के संपर्क में था। शहनवाज काफी पढ़ा-लिखा हैऔर उसके इरादे बेहद खतरनाक थे। स्पेशल सेल को जानकारी मिली थी। शहनवाज साउथ ईस्ट दिल्ली मेंरह रहा है और युवाओं को आतंकी राह पर लानेकी कोशिश मेंजुटा है। आईएसआईएस का स्लीपिंग सेल तैयार करने में जुटा था। गिरफ्तारी के बाद उसके ठिकाने से जिहादी सामग्री मिली। शहनवाज से पूछताछ के बाद उसके दो और सहयोगियों को पकड़ा है। सूत्रों के मुताबिक वह दिल्ली में किसी बड़े वारदात को अंजाम देनेकी फिराक में था। 32 साल के शहनावज ने विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (वीआईटी) पुणे से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। शहनवाज ने माइनिंग में इजीनियरिंग की है और बम बनानेका भी एक्सपर्ट है। पुणे से फरार होने के बाद दिल्ली में अपना ठिकाना बना लिया था। पिछले महीने एनआईए ने चार संदिग्ध आतंकियों की सूची जारी की थी जिसमें उसका भी नाम शामिल था। पुणे के आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंडएं सीरिया) मॉड्यूल सेजुड़े इन आतंकियों पर 3 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। तीन अन्य तल्हा लियाकत खान (पुणे), रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख उर्फ डायपरवाला दोनों दिल्ली के रहनेवाले हैं। शहनवाज और दो अन्य मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूनुस खान (23) और मोहम्मद यूनुस मोहम्मद यूकूब साकी (24) को 18 जुलाई को पुणे में गिरफ्तार किया गया था। ये एक दोपहिया वाहन को चोरी करने के प्रयास के बाद पकड़े गए थे। जब पुलिस उन्हेंउनके घर पर तलाशी के लिए लेजा रही थी उस वक्त शहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर भागने में कामयाब हो गया था। खान और साकी से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि दोनों मध्य प्रदेश के रतलाम के हैं और मार्च 2022 मेंकार से विस्फोटक की बरामदगी के बाद राजस्थान में एक आतंकी केस में संलिप्तता का केस दर्ज हुआ था। उन पर 5 लाख रुपए का इनाम था। 22 जुलाई को महाराष्ट्र एटीएस नेजांच को अपने हाथ में लिया। जांच में पता चला कि खान और साकी ने कहा कि शहनवाज ने कोंढवा के पास बोपतघाट में एसिड छिपाकर रखा है। एजेंसी के डिस्पोजल दस्ते के साथ मौके से एसिड के अलावा कई केमिकल बरामद किए जिनका इस्तेमाल बम बनाने में होता है। एटीएस ने कुछ और सामान बरामद किए। लैपटॉप और मोबाइल फोन से 500 जीबी डेटा मिला जिनमें बम बनाने के तरीके से लेकर कई अहम स्थानों के गूगलगू इमेज मौजूद थे। जांच में पता चला कि विदेश में मौजूद एक हैंडलर ने शहनवाज को इमरान और यूनुस सेफरवरी में मिलवाया था। उन्हें आतंकी हमले को अंजाम देने का टास्क सौंपा गया था। सूत्रों के मुताबिक, 10-15 दिन बाद शहनावज नेरिजवान नाम के एक शख्स को दिल्ली से बुलाया। एजेंसी ने पाया कि गैंग कोल्हापुर, सांगली और सतारा भी गया था। एजेंसी ने उन जगहों पर भी जाकर पड़ताल की। दो और आरोपी अकीफ अतीक नाछन और जुल्फिकार अली बारोदावाला की ठाणे से गिरफ्तारी के बाद 8 अगस्त को केस एनआईए को सौंप दिया गया था। जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि शहनवाज लगातार एक विदेशी हैंडलर के संपर्क में था, जिसने उसे आतंकी हमले का आदेश दिया था। शहनावाज की गिरफ्तारी के बाद अभी कई और राज सामने आएंगे।