अपराध शाखा अंतर्राज्यीय ड्रग तस्करी गिरोह का किया पर्दाफाश

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नई दिल्ली। अपराध शाखा की उतरी रेंज-प्रथम की टीम ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र व हिमाचल प्रदेश क्षेत्र के एक अंतर्राज्यीय ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आरोपी साहिल राय, 37 वर्ष, निवासी मूंदी खरड़, मोहाली, पंजाब और गोविंद साव, 41 वर्ष, निवासी ग्राम पिरहो, अरवल, बिहार को गिरफ्तार किया है। आरोपी गोविंद साव के पास से उच्च गुणवत्ता वाली 670 ग्राम चरस बरामद हुई है । अपराध शाखा की उतरी रेंज-प्रथम के सहायक उप निरिक्षक रमेश को सूत्रों और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से मादक पदार्थ चरस (मलाना क्रीम) के वितरण के संबंध में खुफिया जानकारी प्राप्त हुई द्य जानकारी के अनुसार कसोल, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के बीच चलने वाली वॉल्वो बसों के कई ड्राइवर और हेल्पर चरस की अवैध आपूर्ति में शामिल थे। इस संदर्भ में विभिन्न संदिग्ध फोन नंबरों के कॉल डिटेल रिकार्ड प्राप्त कर उनकी जांच की गई। संदिग्ध फोन नंबरों के सीडीआर और अन्य संबंधित डेटा का विश्लेषण करने के बाद ड्राइवरों और आपूर्तिकर्ताओं के मोबाइल नंबर प्राप्त किए गए व सूचना को आगे मुखबिर द्वारा सत्यापित किया गया ।मोबाइल लोकेशन और भौतिक जानकारी के आधार पर यह निश्चित किया गया कि चरस को डिवाइन अस्पताल, जगत पुर, दिल्ली के आसपास वितरित किया जाना था।संयुक्त आयुक्त पुलिस एस. डी. मिश्रा और पुलिस उपायुक्त विचित्र वीर ने निरिक्षक आलोक कुमार राजन के नेतृत्व में उतरी रेंज-प्रथम की एक टीम बनाई जिसमें उप निरिक्षक नरेंद्र सिंह, सहायक उप निरिक्षक योगेश, सहायक उप निरिक्षक वीरेंद्र, सहायक उप निरिक्षक संदीप, सहायक उप निरिक्षक रमेश, हवलदार अशोक, हवलदार कुलदीप और हवलदार संजीव शामिल थे। तकनीकी विश्लेषण और मुखबिर से प्राप्त जानकारी के अनुसार टीम ने डिवाइन हॉस्पिटल, जगत पुर गांव, वजीराबाद, दिल्ली के पास जाल बिछाया व मुखबिर द्वारा पहचानने पर गोविन्द साव नाम का एक व्यक्ति, 41 वर्ष, निवासी गाँव पिरहो, अरवल, बिहार को डिवाइन हॉस्पिटल के पास से पकड़ा गया । उसकी तलाशी अमल में लायी गई व दोराने तलाशी 670 ग्राम अच्छी गुणवत्ता वाली चरस (मलाना क्रीम) बरामद की गई। पूछताछ के दौरान गोविन्द साव ने एक वोल्वो बस में सहायक के रूप में काम करने की बात कबूल की, जो कि लक्ष्मी हॉलिडे कंपनी की है और कसोल, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के बीच संचालित होती है। उसने खुलासा किया कि बरामद चरस कसोल के एक बस चालक साहिल द्वारा लाया गया था, और साहिल ने गोविन्द साव को चरस डिवाइन अस्पताल के पास पहुंचाने का निर्देश दिया था। गोविन्द साव ने बताया की कि बस चालक साहिल ही एकमात्र व्यक्ति है जो उसके पास से बरामद चरस के प्राप्तकर्ता और आपूर्तिकर्ता के बारे में विवरण दे सकता है। गोविंद साव द्वारा प्रदान की गई जानकारी के परिणामस्वरूप, साहिल को जगतपुर गांव, दिल्ली से पकड़ा गया । इस संदर्भ में प्रथमिकी संख्या 81ध्2023, धारा 20ध्29 एनडीपीएस एक्ट, थाना अपराध शाखा के तहत मामला दर्ज किया गया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी साहिल ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। 2010 में साहिल ने पंजाब के पटियाला में टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम करना शुरू किया था। इसके बाद 2017 में, जालंधर और दिल्ली के बीच चलने वाली इंडो कैनेडियन बस सेवा के लिए ड्राइविंग शुरू की व कभी-कभी वह इसी कंपनी के लिए शिमला और मनाली रूट पर भी बसें चलाता था। साल 2022 में, साहिल ने वोल्वो बस सेवा के लिए ड्राइवर के रूप में काम करना शुरू किया। जहाँ पर, अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों और उच्च खर्चों के कारण, साहिल ने चरस की आपूर्ति शुरू कर दी। वहीं दूसरा आरोपी गोविंद साव, तीसरी कक्षा तक पढ़ाई की है और पिरहो, रामपुरचाय जिला, अरवल, बिहार में अपने परिवार के साथ रहता था। 2009 में, इसने कनॉट प्लेस, दिल्ली में अजय ट्रेवल्स के स्वामित्व वाली बस में सहायक के रूप में काम करना शुरू किया। पत्नी की मृत्यु के कारण 2015 में उसने नौकरी छोड़ दी, लेकिन 2019 में उसी नौकरी पर लौट आया और चरस की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो गया।

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