सबको पसंद आ रहा है नोएडा के एडीशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्‍थी का लाइब्रेरी प्रेम

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नासिर खान

नोएडा । नोएडा के एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने एक ऐसा शानदार काम किया है, जिसके लिए वह आजकल पूरी यूपी में चचार्ओं में हैं। शक्ति ने दिल्ली में राजेंद्र नगर की क्यूबिकल्स लाइब्रेरी से प्रेरित होकर आजमगढ़ में इसी तरह की एक लाइब्रेरी स्थापित की है। जिसमें सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवा पुलिसकर्मी या पुलिस वालों के बच्चे पढ़ सकते हैं। कुछ समय पहले ही गौतमबुद्ध नगर में नियुक्त हुए शक्ति अवस्थी यहां से पहले आजमगढ़ में बतौर एडिशनल सुपरिटेंडेंट आॅफ पुलिस (एएसपी) तैनात थे। शक्ति ने वहां के पुलिस कप्तान की मदद से एक लाइब्रेरी तैयार करवाई। पिछले सप्ताह आजमगढ़ में यह लाइब्रेरी उपयोग के लिए खोल दी गई है।

लाइब्रेरी में तमाम तरह की किताबें उपलब्ध

शक्ति मोहन अवस्थी उत्तर प्रदेश कैडर में साल 2019 बैच के आईपीएस अफसर हैं और अभी नोएडा में बतौर एडिशनल डीसीपी काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कि दिल्ल्ी के राजेंद्र नगर की लाइब्रेरीज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र घंटों आराम से पढ़ सकते हैं। इसी तरह की लाइब्रेरी आजमगढ़ में स्थापित की गई है। लाइब्रेरी में 24 घंटे इंटरनेट की सुविधा है। करीब 58 क्यूबिकल्स बनाए गए हैं। मतलब, वहां एक साथ 58 लोग बैठकर अध्ययन कर सकते हैं। लाइब्रेरी में समाचार पत्र, मैगजीन, किताबें और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी किताबों के नए संस्करण उपलब्ध करवाए गए हैं। यहां पुलिस रेगुलेशंस एक्ट, एविडेंस एक्ट, आईपीसी-सीआरपीसी और इन्वेस्टिगेशन में काम आने वाली किताबें भी शामिल की गई हैं।

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आईपीएस शक्ति मोहन अवस्थी के प्रयासों से आजमगढ़ में बनी क्यूबिकल्स लाइब्रेरी

केवल ढाई लाख रुपए का खर्च आया

शक्ति अवस्थी अभी 29 साल के युवा आईपीएस हैं। वह बताते हैं कि आजमगढ़ पुलिस लाइन में लाइब्रेरी स्थापित करने में केवल ढाई लाख रुपए का खर्च आया है। यह धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार ने डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत उपलब्ध करवाई है। लाइब्रेरी पिछले सप्ताह शुरू हो गई है। रोजाना 15-20 युवक पढ़ने आ रहे हैं। शक्ति अवस्थी आगे बताते हैं, आजमगढ़ पुलिस ने नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ एक सहयोग स्थापित किया है। जिसके जरिए अब एनसीईआरटी से जुड़ी किताब लाइब्रेरी में आ जाएंगी। इतिहास, दर्शन शास्त्र, साहित्य, कला और विज्ञान से जुड़ी किताबों का संग्रह इस लाइब्रेरी में किया जाएगा।

मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले शक्ति की आजमगढ़ में मेरी दूसरी तैनाती थी। जब वे दिल्ली में रहकर संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे थे तो राजेंद्र नगर की क्यूबिकल्स लाइब्रेरी तीन साल तक उनकी सबसे बडी मददगार बनी। 2018 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास करने के बाद जब वे आईपीएस बन गए तो दिल्ली के राजेंद्र नगर की लाइब्ररी से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने आजमगढ में ऐसी ही लाइब्रेरी की परिकल्पना की। आजमगढ़ में एसपी अनुराग आर्य और की मदद से उन्होंने राजेंद्र नगर जैसी ही लाइब्रेरी तैयार करवा दी।

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आईपीएस शक्ति मोहन अवस्थी व उनकी आईएएस पत्नी डॉ पूजा

बता दें कि शक्ति अवस्थी की चयन पहले आईआरएस के लिए हुआ बाद में वे आईपीएस बने। उनकी पत्नी डॉ.पूजा गुप्ता जो मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं वे आईएएस हैं। शक्ति और पूजा ने एक साथ वर्ष 2019 में यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया था। दोनों ने एक साथ ट्रेनिंग की और उत्तर प्रदेश कैडर में पोस्टिंग हासिल की। डॉक्टर पूजा गुप्ता की पोस्टिंग फिलहाल आगरा में है। सिविल सर्विसेज में आने से पहले पूजा ने डेंटिस्ट्री में बैचलर डिग्री हासिल की थी। 

आजमगढ़ यूपी के पूर्वी हिस्से में सबसे कम विकसित जिलों में एक है। यहां स्थापित की गई लाइब्रेरी के चर्चे अब यूपी ही नहीं देश भर में हो रहे हैं और देश भर से लोग सोशल मीडिया में पर शक्ति अवस्थी के इस काम की सराहना कर रहे हैं।

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