लग्जरी गाडिय़ां की ऑन डिमांड चेारी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग के चार गिरफ्तार

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संवाददाता

नई दिल्ली । ऑन डिमांड दिल्ली.एनसीआर और देश के विभिन्न राज्यों से जग्जरी गाडिय़ां चोरी करने वाले गैंग का विजयनगर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर चोरी की चार लग्जरी गाडिय़ां बरामद की हैं। जिनमें विजयनगर थानाक्षेत्र के प्रताप विहार इलाके से चुराई गई फॉरच्यूनर गाड़ी भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि सरगना समेत गैंग के दो सदस्य अभी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। 

डीसीपी जोन सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि प्रताप विहार इलाके में रहने वाले पीडि़त व्यक्ति अजय कुमार ने 18 फरवरी को अपनी फॉरच्यूनर गाड़ी चोरी होने के संबंध में विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद से विजयनगर थाना पुलिस वाहन चोरी करने वाले गैंग की तलाश में जुटी थी। जांच के दौरान पुलिस को आरोपियों का एक सीसीटीवी फुटेज मिला था। जिसके आधार पर उन्हें ट्रेस किया जा रहा था। इसी बीच पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर शनिवार को मेडिकल चौराहे के पास से फॉरच्यूनर सवार चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। जांच.पड़ताल में फॉरच्यूनर गाड़ी चोरी की पाई गई।

पकड़े गए आरोपियों में कैला भट्टा निवासी वाहिद उर्फ मुल्ला, जगदीशपुरा आगरा निवासी राजेश शर्मा उर्फ पंडित, मिर्जापुर विजयनगर निवासी शौकीन और भीलवाड़ा राजस्थान निवासी महावीर प्रसाद शामिल हैं। जबकि गैंग सरगना इस्माइल और उसका एक मुख्य साथी ठाकुर अभी फरार हैं। डीसीपी ने बताया कि गैंग सरगना इस्माइल पकड़े गए आरोपी वाहिद उर्फ मुल्ला का सगा चाचा है। वाहिद के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में वाहन चोरी के 9 केस सामने आए हैं। इसके अलावा अन्य आरोपियों का भी आपराधिक रिकॉर्ड सामने आया है। पुलिस की मानें तो पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह रैकी के बाद किसी भी वाहन को चंद मिनटों में चुराकर फरार हो जाते हैं। चोरी के वाहनों पर वह फर्जी नंबर प्लेट लगा लेते हैं। इसके बाद इन वाहनों को दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश में ले जाकर बेच देते हैं। 

देश के बड़े शहरों से जुड़े हैं गैंग के तार, डिमांड के अनुसार चुराते हैं गाडिय़ां 
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि वाहिद कार मिस्त्री है और गाजियाबाद में अपना गेराज चलाता है। गैंग में शामिल कुछ लोग गाडिय़ां चुराने का काम करते हैं। जबकि गैंग सरगना इस्माइल उन्हें गैर राज्यों में बेचने और पहुंचाने का काम करता है। प्रताप विहार से चुराई गई फॉरच्यूनर गाड़ी को भी इस्माइल ने भीलवाड़ा राजस्थान में ले जाकर साढ़े पांच लाख रुपए में बेचा था। डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए राजेश शर्मा उर्फ पंडित और फरार आरोपी ठाकुर का देश के बड़े शहरों में गाडिय़ों की सेल.परचेज का काम करने वाले लोगों से संपर्क है। इसके अलावा गैर कानूनी धंधा करने वाले लोग भी इनसे ही लग्जरी गाडिय़ों की सप्लाई लेते हैं। वाहन चोरी के धंधे में यह दोनों ठाकुर-पंडित के नाम से जाने जाते हैं। करीब दो वर्ष पूर्व नोएडा पुलिस ने भी वाहन चोरों के एक बड़े गैंग का पर्दाफाश कर 20 से अधिक गाडिय़ां बरामद की थीं। पकड़े गए आरोपियों में राजेश शर्मा उर्फ पंडित भी शामिल था। 


मादक पदार्थों की तस्करी के लिए महावीर खरीदता था लग्जरी गाडिय़ां
एसीपी कोतवाली अंशु जैन ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी महावीर प्रसाद मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला बड़ा तस्कर है। राजस्थान के भीलवाड़ा में रहकर वह देश के ज्यादातर राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी करता है। पुलिस से बचने के लिए वह तस्करी में केवल लग्जरी गाडिय़ों का ही इस्तेमाल करता है। लग्जरी गाडिय़ों की सप्लाई के लिए वह आरोपी ठाकुर-पंडित से संपर्क साधता था। एसीपी ने बताया कि प्रताप विहार से चुराई गई फॉरच्यूनर गाड़ी भी महावीर प्रसाद ने ही खरीदी थी। पुलिस का कहना है कि फरार गैंग सरगना और उसके साथी ठाकुर के पकड़े जाने पर चोरी की कई गाडिय़ां बरामद हो सकती हैं। एसीपी ने बताया कि गैंग के सदस्य चोरी की वारदात में फॉरच्यूनर गाड़ी का ही इस्तेमाल करते हैं। उक्त वारदात में आरोपियों ने जिस फॉरच्यूनर गाड़ी का इस्तेमाल किया वह कांशीराम आवासीय योजना में रहने वाले संजय के भाई की है। जिसे वाहिद ने कुछ दिनों के लिए अपने पास रखा हुआ था। 


सर्विस सेंटरों के संपर्क में रहता है आरोपी पंडित, बनवा लेता है डुप्लीकेट चाबी
एसएचओ विजयनगर अनीता चौहान ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी राजेश शर्मा उर्फ पंडित गाडिय़ों की सर्विस करने वाले सेंटरों के कर्मचारियों के संपर्क में रहता है। उसके पास जिस भी गाड़ी की डिमांड आती है, वह उसी गाड़ी के सर्विस सेंंटर पर पहुंच जाता है। वहां के कर्मचारियों की मदद से वह आने वाली गाड़ी की डुप्लीकेट चाबी बनवा लेता है। इसके बाद गैंग के अन्य सदस्य उस गाड़ी का पीछा कर मालिक का ठिकाना देख लेते हैं और फिर मौका मिलते ही उस गाड़ी को चुराकर फरार हो जाते हैं। एसएचओ की मानें तो गैंग के सदस्य इलेक्ट्रॉनिक तकनीकी की मदद से किसी भी लग्जरी गाड़ी की चाबी बनाने के माहिर हैं। जिसकी मदद से वह चंद मिनट में किसी भी गाड़ी का लॉक खोल कर उसे चुरा लेते हैं। 

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