नई दिल्ली। गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के कार्यकारी निदेशक कृष्ण बल्लभ सिंह को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में अरेस्ट किया है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में कृष्ण बल्लभ सिंह के आवास पर घंटों की छापेमारी के बाद यह गिरफ्तारी हुई है। आरोप है कि कृष्ण बल्लभ सिंह ने गेल परियोजनाओं में लाभ देने के बदले रिश्वत की मांग की थी और सीबीआई ने जाल बिछाकर उन्हें और रिश्वत देने वाले को एक साथ अरेस्ट किया है। बता दें किगेल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एक महारत्न कंपनी है और भारत की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस ट्रांसमिशन और विपणन कंपनी है। आरोप है कि उन्होंने गैस पाइपलाइन परियोजनाओं में लाभ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाई थी। सीबीआई ने स्रोत-आधारित जानकारी के आधार पर 4 सितंबर को मामला दर्ज किया था। और मेकॉन लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक सुनील कुमार सहित छह लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि कृष्ण बल्लभ सिंह गेल की एसएपीएल (श्रीकाकुलम अंगुल पाइपलाइन) और वीएपीएल (विजयपुर औरैया पाइपलाइन) परियोजनाओं के संबंध में ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचा रहे थे। इस बारे में निदेशक सुरेंद्र कुमार ने दो निजी व्यक्तियों के माध्यम से 50 लाख रुपये की रिश्वत राशि की व्यवस्था की थी। जब सीबीआई को इसकी जानकारी मिली तो उन्हें इसकी तहकीकात शुरू की और इस बारे में जानकारियां एकत्रित करने लगे। एजेंसी ने इसे लेकर जाल बिछाया और रिश्वत देने और लेते समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि गेल की दो परियोजनाओं – वीएपीएल और एसएपीएल – की देखरेख सिंह द्वारा की जा रही है। वह गेल के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर अनुचित लाभ/रिश्वत के बदले में कंपनी के निदेशक सुरेंद्र को विभिन्न अनुचित लाभ पहुंचा रहे थे। उनके द्वारा दिए गए अनुचित उपकार में नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए लंबित भुगतान/बिलों का शीघ्र प्रसंस्करण, निर्धारित दायित्वों को पूरा करने में कंपनियों की चूक को नजरअंदाज करना शामिल था। सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर में कहा गया है कि 27 जून को सुरेंद्र ने सिंह से संपर्क किया और उनसे वीएपीएल में काम के संबंध में अंतिम बिलों के शीघ्र प्रसंस्करण में मदद करने का अनुरोध किया, जिन्होंने बदले में उन्हें अपनी तरफ से मदद का आश्वासन दिया। सुरेंद्र ने 29 जून को नोएडा में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की। गेल के वित्त प्रभाग के इस आग्रह के बावजूद कि बिलों को वीआईएमस (वेंडर इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल – ऑनलाइन मोड के माध्यम से संसाधित किया जाएगा। आरोप है कि इस तथ्य के बावजूद कि अधूरे कार्यों और कुछ मुकदमेबाजी के लिए मेसर्स एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से भारी वसूली की जानी थी, सिंह ने 20 जुलाई को भुगतान जारी करने के लिए अधीनस्थों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि कृष्ण बल्लभ सिंह ने गेल की एसएपीएल (श्रीकाकुलम अंगुल पाइपलाइन) और वीएपीएल (विजयपुर औरैया पाइपलाइन) परियोजनाओं के संबंध में अनुचित लाभ दिया।