दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने झारखण्ड में पुलिस अधीक्षक (एसपी) की हत्या करने वाले नक्सली को गिरफ्तार कर 12 साल पहले हुये इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। गिरफ्तार आरोपी प्रदीप कुमार नक्सली संगठन
पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्लूजी) के महत्वपूर्ण पद पर रहा है। पुलिस को इस नक्सली के पास से एक पिस्टल मिली है। पुलिस का कहना है कि झारखण्ड में पकड़े जाने के डर से इन दिनों दिल्ली व नोएडा में रह रहा था।
महत्वपूर्ण बात यह है कि झारखण्ड स्थित सरयू के
— दिल्ली व नोएडा में छिपकर रह रहा था
— पुलिस को नक्सली के पास से पिस्टल मिली
जंगलों में यह शख्स महिलाओं व लड़कियों को असलहा चलाने की ट्रेनिंग दिया करता था। इस शख्स ने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि ट्रेनिंग के दौरान महिलाओं व लड़कियों का दैहिक शोषण भी करता था। इस ट्रेनिंग की भनक सीआरपीएफ को लग गई थी और सीआरपीएफ ने ट्रेनिंग वाले स्थान पर दबिश दी थी,लेकिन यह भाग निकला था।
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त आयुक्त अशोक चांद के मुताबिक, एडिशनल डीसीपी जॉय टिर्की को एक मुखबिर ने सूचना दी थी कि नोएडा सेक्टर 62 में प्रदीप नाम का यह नक्सली अपने फूफा के पास इन दिनों रह रहा है। प्रदीप रोहिणी के सेक्टर 24 में किसी जानकार के यहां मिलने के लिये बृहस्पतिवार की दोपहर आयेगा। क्राइम ब्रांच की टीम ने इलाके की घेराबंदी कर निगरानी कड़ी कर दी। इसी बीच नक्सली प्रदीप को पुलिस टीम ने धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से एक पिस्टल मिली है। गौरतलब है कि करीब 12 साल पहले झारखण्ड के लोहरदगा क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक डॉ अजय कुमार सिंह की हत्या के सिलसिले में नक्सलियों ने लैंडमाइन बिछा रखी थी, लेकिन लैंडमाइन ब्लास्ट में वह जब कामयाब नहीं हो सके तो गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना को अंजाम देने वाला प्रदीप कुमार मास्टरमाइंड था। पुलिस उसकी करीब 12 साल से इस सिलसिले में तलाश कर रही थी।