-साउथ-ईस्ट जिला पुलिस करेगी इसकी शुरूआत
नई दिल्ली। गुम हो रहे बच्चों पर कोई संजीदगी दिखाये या न दिखाये लेकिन साउथ-ईस्ट दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय चैधरी ने इस पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। अजय चैधरी के अनुसार जिले के 1 साल से पांच साल के बच्चों की फोटोग्राफी और उनके बार में पूरा रिकॉर्ड रखने के लिए पहचान नामक कार्यक्रम चलाया जायेगा। जिससे गुम होने वाले बच्चों को खोजने में आसानी हो सके।
ज्ञात रहे कि दिल्ली में हर दिन करीब दो दर्जन से ज्यादा बच्चे गायब हो रहे हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों को पुलिस आज तक ट्रैस नहीं कर पाई है। मानवाधिकार आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गायब हो रहे बच्चों की रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन को लताड़ लगा चुकी है। इसी को देखते हुए हर थाने में मिसिंग चाइल्ड सेल भी बनाया गया, लेकिन यह सेल निष्क्रिय साबित हुआ है। गुम होते बच्चों की रोकथाम के लिए अब साउथ-ईस्ट दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने इस पर जोर देना शुरू कर दिया है। अजय चैधरी के अनुसार झुग्गी झोपडि़यों में रहने वाले गरीब तबके के काफी बच्चे ऐसे होते हैं, जिनका कोई फोटो नहीं होता है। जिससे गुम होने पर उनको खोज निकालना बड़ा मुश्किल होता है। इसलिए ऐसे बच्चों की फोटोग्राफी और उनके रिकार्ड वगैरह लेने के लिए पहचान नामक कार्यक्रम चलाया जायेगा। खींचे गये इस फोटो को सुरक्षित रखा जायेगा। जिससे बच्चों के खोने पर उन्हें खोजा जा सके। आंकड़ों की बात करें तो इस वर्ष साउथ-ईस्ट दिल्ली से कुल 128 बच्चे गायब हो चुके हैं। वहीं कुछ सालों के भीतर खोने वाले बच्चों में 86 बच्चे वापस भी अपने घर पहुंच गये हैं।