दहेज के लिए ससुराल वालों ने विवाहिता का सिर फोड़ा
घायल महिला एक निजी हॉस्पिटल में
जातिसूचक शब्दों से युवती को किया जाता है संबोधित
नई दिल्ली। दलित होने के दंश ने एक विवाहिता को मुश्किल में डाल दिया। जिस प्रेमी पर भरोसा करके उसने खुद को शादी के अटूट बंधन में बांधा आज वही युवक उसकी जान का दुश्मन बन गया है। शादी के सात साल बाद भी दहेज की मांग की जाती है। विरोध करने पर आए दिन युवती की पिटाई भी की जाती है। एक माह से ससुरालियों ने उसका ााना-पीना बंद कर दिया है। जिससे पास-पड़ोसी द्वारा दिए गए रोटी के टुकड़े पर विवाहिता को जीना पड़ रहा है। गुरूवार को भी विवाहिता की इतनी पिटाई की गई कि उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। फिलहाल सागरपुर थाना मामले की जांच कर रहा है।
जानकारी के अनुसार बंदना(27) नामक युवती अपने पति मनोज, ससुर लल्लन प्रसाद, सास आशा देवी व दो देवरों व ननद के साथ सागरपुर इलाके में रहती है। मनोज और बंदना का प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसके बाद उच्चजाति के मनोज ने दलित वंदना से सन २००६ में शादी कर ली थी। दहेज में वंदना के परिजनों ने पचास हजार कैश व अन्य सामान भी दिया था। बताया जाता है कि शादी के कुछ समय बाद से ही वंदना को दहेज के लिए प्रताडि़ता किया जाने लगा। आए दिन उसकी पिटाई कर उसके जाति सूचक शब्दों से संबोधित किया जाता है। इधर एक माह से ससुरालियों ने उसका खाना-पीना भी बंद कर दिया है। जिससे वंदना को पड़ोसियों द्वारा दिए गए टुकड़े पर ही बसर करना पड़ रहा है। गुरूवार को भी मनोज ने अपने परिजनों के साथ मिलकर वंदना की पिटाई कर दी। किसी भारी चीज से मारकर उसका सिर फोड़ दिया गया। पड़ोसियों की मदद से उसे एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।