क्राइम ब्रांच ने तीन ऐसे शातिर लुटरों को गिरफ्तार किया है जिनमे से दो हरियाणा की सोनीपत जेल से फरार हो गए थे। पुलिस ने पकड़े गए इन आरोपियों के पास से तीन अत्याधुनिक पिस्टल और कारतूस बरामद किये हैं।
पकड़े आरोपियों की पहचान जितेंद्र उर्फ़ जॉनी उर्फ़ गोग्गी, रविंद्र उर्फ़ सोनू और शिव कुमार उर्फ़ टोनी के रूप में की गई है। पुलिस के मुताबिक यह तीनों आरोपी कई अपराधिक वारदातों में शामिल रहा है। मौजूदा समय में रविंद्र ने संत नगर बुराड़ी इलाके में ब्याज पर पैसा देने का कारोबार कर रखा था। इनकी गिरफ्तारी के संबंध में हरियाणा पुलिस को भी सूचित कर दिया गया है।
— जनवरी में हरियाणा जेल से हुए थे फरार
— हरियाणा पुलिस को अवगत कराया
अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक चांद ने पुलिस मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि शाखा के हेड कांस्टेबल ईद मौहम्मद को सूचना मिली थी कि दो लोग अवैध हथियारों के साथ डीडीयू मार्ग स्थित कलि मंदिर के पास aa रहे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एडिशनल डीसीपी संजय भाटिया और एसीपी उदयवीर सिंह राठी के नेतृत्व में एस आई रविंद्र वर्मा, रविंद्र तेवतिया, एन.एस. राना, हेड कांस्टेबल अजय कुमार, ईद मौहम्मद, रविंद्र बालियान, विक्रम, धर्मेंद्र, कांस्टेबल प्रेम पाल और सुरेन्द्र आदि कि टीम ने उक्त स्थान पर ट्रेप लगाकर इन दोनों लोगों को पकड़ लिया। पकड़े आरोपियों ने अपने नाम रविंद्र सिंह उर्फ़ सोनू और जितेंद्र उर्फ़ जॉनी बताया। तलाशी लेने पर पुलिस ने इनके पास से दो अत्याधुनिक पिस्टल और कारतूस बरामद कर लिए। रविंद्र मूलरूप से बहादुरगढ़ और जितेंद्र अलीपुर का रहने वाला है। पुलिस ने इनके पास से एक स्प्लेंडर बाइक भी बरामद की है। पुलिस ने बाद में इनकी निशानदेही पर इनके एक अन्य साथी शिव कुमार उर्फ़ टोनी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया जितेंद्र और शिव कुमार जनवरी में हरियाणा में हुई सोनीपत जेल तोड़ने के मामले में भी शामिल रहे हैं। गौरतलब है कि गत 17 – 18 जनवरी की रात में सोनीपत जेल से आठ खूंखार कैदी फरार हो गए थे। दरअसल जेल से यह सभी आठ कैदी जेल कर्मियों की मिलीभगत से जेल की सलाखें काटकर फरार हो गए थे। घटना वाली रात जेल कर्मियों की मदद से 20 फुट लम्बी सीडी और एक लोहे की आरी का इंतज़ाम किया था। जिसकी मदद से ही यह लोग जेल से फरार होने में कामयाब हो गए थे। पकड़ा गया रविंद्र सेक्टर 24 रोहिणी में रहता है और इसके साथ ही यह अपनी एक छोटी से फाइनेंस कंपनी चलाता है। यह बिना किसी गारंटी पर ऊँचे ब्याज पर लोन देता था। ये अपना ब्याज वसूलने के लिए मुस्टंडों का भी इस्तेमाल करता था।