बैंक से 20 करोड़ ठगने वाला दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा, कैब ड्राइवर बनकर दे रहा था धोखा

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विशेष संवाददाता

नई दिल्‍ली।  दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने बैंकों से धोखाधडी व जालसाजी के सात से अघिक मामलों में भगौडा घोषित एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने दिल्ली के मुबारकपुर डबास इलाके के सेक्टर 20 के निवासी गिरीश दत्त गज्जा को अमन विहार से अरेस्ट किया है। आरोपी पर प्रापर्टी के कागजों में हेराफेरी करके कई बैंकों को 20 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

अपने साथियों के साथ मिलकर की थी ठगी

आरोपी गिरीश दत्त गज्जा ने अपने साथियों सुरेश कुमार उर्फ ​​धीरज, लल्लन कुमार उर्फ ​​प्रदीप, बृजेश केडिया उर्फ ​​अविनाश शर्मा, सुनील कुमार, सतीश कुमार और अमित शर्मा, दिनेश अग्रवाल और गौरव सेठी के साथ जाली कागजात के आधार पर विभिन्न बैंकों को धोखा दिया था।  आरोपी व्यक्तियों ने पंजाब नेशनल बैंक से 3 करोड़ रुपये का व्यावसायिक ऋण प्राप्त किया। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 02 करोड़, पंजाब एंड सिंध बैंक से 2.6 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया से 2.5 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 1.39 करोड़ रु का लोन लिया।

कई बैंकों को बनाया निशाना

आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक से 50 लाख रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 1.35 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ नैनीताल से 90 लाख रुपये, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 45 लाख रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 1.35 करोड़ रु. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से पुनः 45 लाख रुपये, आजादपुर में पंजाब एंड सिंध बैंक से 1 करोड़ रुपये, आसफ अली रोड स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक से 60 लाख रुपये, जोरबाग में पंजाब नेशनल से 55 लाख रुपये, एचबीएन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 50 लाख रुपये, एचबीएन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 9 लाख और एचबीएन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 9 लाख रुपये लिए। ये कर्ज उन्होंने अपने साथियों की मदद से तैयार किए गए जाली दस्तावेजों के आधार पर लिए थे।

गिरफ्तारी से बचने के लिए बदलता रहा ठिकाना

आरोपी को उपरोक्त मामलों में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे अदालत ने जमानत दे दी थी। मुकदमे के दौरान, उसने अदालत में पेश होना बंद कर दिया और वह अदालती कार्यवाही से बच रहा था। आरोपी ने अपनी पहचान बदल ली थी। उसने दाढ़ी बढ़ाई और अपना नाम बदलकर नरेंद्र रख लिया और अपनी आपराधिक गतिविधियों को छिपाने के लिए वह ओला कैब चला रहा था। वह जानबूझकर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना पता और ठिकाना बदल रहा था।

अपराध शाखा के विशेष  आयुक्‍त रविन्‍द्र सिंह यादव ने बताया कि संयुक्‍त आयुक्‍त एसडी मिश्रा ने डीसीपी सतीश कुमार को भगौडा घोषित गिरीश दत्‍त को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद पश्चिमी क्षेत्र की क्राइम यूनिट के एसीपी यशपाल सिंह ने निरीक्षक पवन सिंह के नेतृत्व में एसआई रविंदर सिंह, अनुज छिकारा, एसआई अनिल सरोहा, रविंदर, हैड कांस्‍टेबल रविंदर सिंह, प्रवीण, अश्विनी,  व कांस्‍टेबल सोहित की टीम गठित की। टीम ने उसे अमन विहार इलाके में ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया ।

दिल्‍ली के पीमतपुरा निवासी गिरीश दत्त गज्जा एमबीए किया है। जिसके बाद उसने लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट कंपनियों में जॉब की। इसके बाद, वर्ष 2010 में, वह एक गौरव सेठी के संपर्क में आया और 2012 तक उसके एनएसपी  कार्यालय में उसके साथ काम किया। 
वह अन्य सह-आरोपी व्यक्तियों के संपर्क में आया और संपत्तियों के जाली कागजात बनाकर धोखाधडी से ऋण लेने लगा ।
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