-एमडी एवं सीईओ एम. वी. राव ने सभी वर्तमान और पूर्व स्टाफ सदस्यों को हार्दिक बधाई दी और उस अवधि के दौरान आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला
-सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अपने शुद्ध लाभ में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 82.17% बढ़ गई, जो 2023-2024 की दूसरी तिमाही में 621.95 करोड़ रुपए पहुंच गई।
नई दिल्ली। देश के सबसे पुराने वित्तीय संस्थानों में से एक और पहले ‘स्वदेशी बैंक’ के रूप में पहचाने जाने वाले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने नई दिल्ली में एनसीयूआई सभागार में अपना 113वां स्थापना दिवस मनाया, जिसमें बैंक की समृद्ध विरासत और राष्ट्र की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया गया। राष्ट्रवाद के सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए स्थापित, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हमेशा भारतीयों के लिए, भारतीयों द्वारा और भारतीयों का” को मानते हुए भारतवासियों की सेवा में समर्पित रहा है। इस अवसर पर एमडी एवं सीईओ एम. वी. राव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बैंक की 113वीं वर्षगांठ पर सभी वर्तमान और पूर्व स्टाफ सदस्यों को हार्दिक बधाई दी। अपनी बैंकिंग सेवा के शुरुआती दिनों को याद करते हुए, उन्होंने गैर-सीबीएस बैंकिंग के युग के अनुभव साझा किए, और उस अवधि के दौरान आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जोनल मैनेजर जे.एस. साहनी ने बैंक के संस्थापक सर सोराबजी पोचखानावाला को श्रद्धांजलि अर्पित किया। आजादी से पहले ऐसे समय में जब कुछ ही लोग अंग्रेजों को चुनौती देने की हिम्मत करते थे, सोराबजी ने इस बैंक की स्थापना की, जिससे यह आर्थिक आजादी के संघर्ष का एक अभिन्न अंग बन गया। एक भव्य कार्यक्रम में, बैंक ने 13 सम्मानित ग्राहकों को प्रशंसा प्रतिक देकर सम्मानित किया और अपने दिल्ली क्षेत्र के 17 प्रबंधकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहना की। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक आलोक श्रीवास्तव इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त, इस कार्यक्रम में पूर्व महाप्रबंधकों को भी उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान नाटक, नृत्य, गीत, स्टैंड-अप कॉमेडी, संगीत, बैंड परफॉर्मेंस और कव्वाली का भी आयोजन किया गया। बैंक अपने 5.6 करोड़ सक्रिय ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए अपनी डिजिटल पहुंच बढ़ा रहा है, जिससे सभी के लिए एक सहज और कुशल बैंकिंग अनुभव सुनिश्चित हो सके। राजकोषीय कौशल का उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए, सेंट्रल बैंक ने अपने Q1 परिणामों का अनावरण किया, जिसमें शुद्ध लाभ में 78% की आश्चर्यजनक वृद्धि दर्ज की गई, जो 418 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। दूसरी तिमाही के नतीजे भी काफी उत्साही हैं। इस क्वार्टर में बैंक ने और भी अधिक सराहनीय प्रदर्शन करते हुए साल-दर-साल 90% शुद्ध लाभ दर्ज किया जो बढ़कर 605 करोड़ रुपए पहुंच गया। इस प्रभावशाली ग्रोथ का श्रेय मुख्य रूप से मजबूत शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) को दिया गया। इसके अतिरिक्त, बैंक ने शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में 1.64% की कमी भी दर्ज की। बैंक ने वित्तीय वर्ष 2016 के लिए 1,396 करोड़ रुपये के घाटे की रिपोर्ट दी है। एक उल्लेखनीय बदलाव को चिह्नित करते हुए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अपने शुद्ध लाभ में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 82.17% बढ़ गई, जो 2023-2024 की दूसरी तिमाही में ₹621.95 करोड़ पहुंच गई। सरकारी स्वामित्व वाले बैंक अभी भी संपत्ति और जमा के मामले में भारत की बैंकिंग प्रणाली का 60% से अधिक हिस्सा रखते हैं। 21 दिसंबर 1911 को सर सोराबजी पोचखानावाला द्वारा सर फिरोजशाह मेहता की अध्यक्षता में स्थापित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंकिंग इतिहास में एक महत्वपूर्ण संस्थान के रूप में खड़ा है। विशेष रूप से, यह पहला वाणिज्यिक भारतीय बैंक था जिसका स्वामित्व और प्रबंधन पूरी तरह से भारतीयों द्वारा किया गया था।