नई दिल्ली। इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन साड़ी व जैकेट फंसने से एक महिला की मौत के मामले में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने मृतक के स्वजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त मानवीय आधार पर उनके बच्चों को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशी दी जाएगी। बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। 14 दिसंबर को रीना अपने छह वर्षीय बेटे के साथ भांजे की शादी में शामिल होने मेरठ जा रही थीं। उन्होंने नांगलोई मेट्रो स्टेशन से ग्रीन लाइन की मेट्रो पकड़ी थी। इंद्रलोक स्टेशन पर मेट्रो बदलकर रेड लाइन की मेट्रो सवार हुईं, लेकिन उनका बेटा पीछे छूट गया था। बेटे के लिए दोबारा ट्रेन से बाहर उतरने के दौरान उनकी साड़ी, जैकेट मेट्रो के दरवाजे में फंस गया। उनके स्वजनों का कहना है कि उनके कंधे में एक भारी भरकम बैग था। बैग भी दरवाजे में फंस गया था। इस बीच मेट्रो चल पड़ी। इससे वह काफी दूर तक मेट्रो के साथ घिसटती रहीं। प्लेटफॉर्म से मेट्रो ट्रेन के आगे निकलने के बाद प्लेटफार्म पर लगे गेट से टकराकर वह मेट्रो के ट्रैक पर गिर गई थीं जिससे उन्हें गंभीर चोट आई थी। 16 दिसंबर को उनकी सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) इस घटना की जांच कर रहे हैं। महिला के पति की पहले मौत हो गई थी। वह टमाटर की रेहड़ी लगाकर अपने दो नाबालिग बच्चों का भरण पोषण कर रही थीं। केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने डीएमआरसी को बच्चों की देखभाल और शिक्षा दिल्ली मेट्रो प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल का कहना है कि मेट्रो रेलवे (दावे की प्रक्रिया) नियम, 2017 के प्रविधानों के अनुसार, मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।