नई दिल्ली। राजधानी में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो लोगों को विदेश में रहने वाले उनके रिश्तेदार बताकर खुद को जेल में होने की जानकारी देते हैं और फिर जेल से निकालने के लिए पैसे की जरूरत बताकर उनसे ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं।
आरोपित का एक साथी खुद को रिश्तेदार का वकील बताकर पीड़ितों को बैंक खातों की जानकारी देता और फिर उनसे उस खाते में पैसे ट्रांसफर करवाता है। बदमाशों ने पश्चिमी जिला में रहने वाले एक शख्स से इसी तरह से 42 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित की शिकायत पर पश्चिमी जिला साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया है और अब आरोपितों की तलाश जारी है।तिलक नगर स्थित संतगढ़ के रहने वाले सुखवंत सिंह ने पश्चिम जिला साइबर सेल में शिकायत के दौरान बताया कि तीन मई को उनके मोबाइल पर अंतरराष्ट्रीय नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को अमेरिका में रहने वाले उनके रिश्तेदार अर्शदीप बताया। शख्स ने बताया कि अमेरिका में उससे एक हादसा हो गया है। उसे वहां की पुलिस ने पकड़कर जेल में डाल दिया है। उसने कहा कि उसे बाहर निकालने के लिए पैसे की जरूरत है। उसने बताया कि उसका वकील उन्हें सारी बात की जानकारी देगा। उसके बाद एक शख्स ने वकील बनकर फोन किया और बताया कि अर्शदीप को जेल से बाहर निकालने और उसकी जमानत के लिए पैसे की जरूरत है। अगर उसे जेल से बाहर नहीं निकाला गया तो वह 15 से 20 साल के लिए सलाखों के अंदर चला जाएगा। उसने तुरंत बैंक खाते की जानकारी दी और तत्काल पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। चार से नौ मई के बीच आरोपित ने पीड़ित से कई बैंक खातों में 42 लाख रुपये मंगवा लिए। पीड़ित ने बताया कि बाद में पता चला कि अमेरिका में रहने वाले उसके रिश्तेदार अर्शदीप के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उसके बाद उन्होंने साइबर सेल में इसकी शिकायत की।