नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने शुक्रवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, वकील जय अनंत देहाद्राई और कई मीडिया संगठनों के खिलाफ कथित झूठे और अपमानजनक आरोपों के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से पेश होने से नाम वापस ले लिया। व्यक्तिगत रूप से पेश हुए देहाद्राई ने अदालत क सूचित किया कि शंकरनारायणन ने गुरुवार रात उनसे संपर्क किया और प्रस्ताव दिया कि वह कुत्ते हेनरी की कस्टडी के बदले में अपनी सीबीआई शिकायत वापस ले लें। देहाद्राई ने जस्टिस सचिन दत्ता से कहा कि कुछ बहुत परेशान करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि हितों का बहुत गंभीर टकराव है। उन्होंने (शंकरनारायणन) मुझसे 30 मिनट तक बातचीत की। उन्होंने मुझसे कुत्ते के बदले में सीबीआई शिकायत वापस लेने को कहा। वह इस मामले में पेश नहीं हो सकते। न्यायमूर्ति ने तब कहा कि मैं वास्तव में चकित हूं। आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनसे उच्चतम पेशेवर मानक बनाए रखने की उम्मीद की जाती है। शंकरनारायणन ने स्पष्ट किया कि उन्होंने मोइत्रा की सहमति से देहाद्राई से संपर्क किया था, और केवल इसलिए क्योंकि देहाद्राई ने पहले उन्हें निर्देश दिया था। हालाँकि, न्यायाधीश ने चिंता जताते हुए कहा कि आपने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की। तो क्या आप अब भी इस मामले में पेश होने के पात्र हैं? इन तर्कों के आलोक में, शंकरनारायणन मामले से हट गए। अब मामला 31 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।