नई दिल्ली। बदलापुर मुठभेड़ के मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है और केंद्र सरकार, देश के सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है कि उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों/पुलिस मशीनरी को ड्यूटी के दौरान बॉडी-कैम के इस्तेमाल से पूरी तरह और लगातार निगरानी में रखा जाए। यह याचिका अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है, जिन्होंने बदलापुर की घटना में मुख्य आरोपी अक्षय अन्ना शिंदे की कथित पुलिस मुठभेड़ में एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और खासकर महाराष्ट्र राज्य को , जिसे अब बदलापुर कांड के नाम से जाना जाता है। याचिकाकर्ता ने जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने की भी मांग की और आगे कहा कि ” महाराष्ट्र राज्य में राजनीतिक परिदृश्य पर विचार करते हुए और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि वही लोग/राजनीतिक दल, जो महाराष्ट्र राज्य में सत्ता/सरकार में हैं , केंद्र सरकार के स्तर पर भी सत्ता में भागीदार हैं और अनुभव से पता चला है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी जांच एजेंसी भी सत्ता में बैठे लोगों से प्रभावित पाई गई है और वास्तव में, सीबीआई एक ‘पिंजरे में बंद तोते’ की तरह काम करती पाई गई है, जैसा कि इस न्यायालय ने भी देखा है।” इसलिए याचिकाकर्ता ने मांग की है कि ऐसी एसआईटी में न केवल सीबीआई से, बल्कि अन्य जांच एजेंसियों से भी महाभियोग योग्य चरित्र के अधिकारी शामिल किए जाएं, जो महाराष्ट्र राज्य/राजनीतिक दलों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण/प्रभाव से परे हैं, जो महाराष्ट्र राज्य में सत्ता/सरकार में भागीदार हैं ।