फरीदाबाद। ईएसआईसी के फर्जी कार्ड धारक बनाकर निजी अस्पताल में उपचार करा लाखों को चूना लगा दिया। मामला तब खुला जब अस्पताल ने ईएसआईसी को बिल का भुगतान करने के लिए कहा, पर अस्पताल ने कहा कि इस नाम से तो कोई कार्ड धारक नहीं हैं। इस मामले में सेक्टर-20ए स्थित एसएसबी सेंट्रल अस्पताल में इलाज कराकर 43 लाख 53 हजार रुपये का चूना लगाया गया है। मामला पांच साल पुराना है, पर अब पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अस्पताल के मुख्य सुरक्षा अधिकारी दीपक शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है। उनका अस्पताल ईएसआइसी के पैनल पर है। ईएसआइ से रेफर मरीजों का उपचार करते हैं। फरवरी 2018 से अक्टूबर 2018 के बीच में ईएसआइ सेक्टर-आठ से कुछ मरीज रेफर होकर अस्पताल में आए। सभी को अलग-अलग समस्याएं थी। कुछ के आपरेशन भी किए गए। मरीजों ने अस्पताल में भर्ती होते समय ईएसआइ कार्ड सहित प्रमाणित रेफरेल फार्म दिखाए थे। इसके बाद इन सभी की प्रारंभिक जांच की गई। सभी मरीजाें के इलाज की मंजूरी के लिए एक पत्र ईएसआइ सेक्टर-आठ में जांच के लिए भेजा। ईएसआई ने दस्तावेजों की जांच कर उनके अस्पताल को मरीजों के इलाज की मंजूरी दी गई। इसके बाद सभी मरीजों का इलाज किया गया। स्वस्थ होने पर एक के बाद एक सभी मरीजों को छुट्टी दे दी गई। इसके बाद सभी के बिल 43 लाख 53 हजार 136 रुपये बनाकर अनुमति के लिए ईएसआइसी भेजे गए। लेकिन ईएसआइ सेक्टर-आठ द्वारा बिल खारिज कर दिए गए। सेक्टर-आठ स्थित ईएसआइसी प्रबंधन का तर्क था कि मरीजों की पहचान के प्रस्तुत दस्तावेज में विवरण के साथ छेड़छाड़ की गई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दस्तावेज फर्जी बनाए गए हैं। किसी की जगह किसी का नाम और फोटो में बदलाव हो सकता है।