नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सलमान त्यागी-नरेश सेठी-लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली में दर्ज जबरन वसूली के दो मामलों में वांछित थे। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान दीपांशु उर्फ मोनू और मोइनुद्दीन उर्फ सलमान के रूप में हुई है। इनकी गिरफ्तारी से युवाओं की भर्ती करने वाले इन गिरोहों की अंतरराष्ट्रीय सांठगांठ का भी खुलासा हुआ है। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात राजौरी गार्डन थाना क्षेत्र में गोलीबारी की लगातार दो घटनाएं हुईं। पहली घटना में, आरोपी दीपांशु और मोइनुद्दीन स्कूटर से सुभाष नगर स्थित जायका रेस्तरां पहुंचे और रेस्तरां के फ्लेक्स बोर्ड पर दो गोलियां चलाईं। विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा कि महज पांच मिनट के भीतर वही लोग गुलाटी हैंडलूम पहुंचे और प्रतिष्ठान के सामने तीन गोलियां चलाईं। इसके बाद, वे घटनास्थल से भाग गए और छिप गए। अब यह पता चला है कि इन गोलियों का मकसद जायका रेस्तरां और गुलाटी हैंडलूम के मालिकों से 50-50 लाख रुपये की रंगदारी मांगना था। मोइनुद्दीन की निशानदेही पर दूसरे आरोपी दीपांशु उर्फ मोनू को दिल्ली के सुभाष नगर स्थित पेसिफिक मॉल के पास से गिरफ्तार कर लिया। मोनू ने दोनों दुकानों पर फायरिंग की थी। अपराध शाखा ने उनके पास से दो पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस और अपराध में इस्तेमाल किया गया स्कूटर बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान दीपांशु ने खुलासा किया कि वह कुख्यात गैंगस्टर सलमान त्यागी से करीबी तौर पर जुड़ा हुआ है, जो इस समय मंडोली जेल में बंद है।
विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने कहा कि दीपांशु अक्सर जेल में सलमान त्यागी से मिलने जाता था और हाल ही में एक मुलाकात के दौरान सलमान त्यागी ने उसे प्रत्येक व्यवसायी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का निर्देश दिया था। इस काम को अंजाम देने के लिए सलमान त्यागी ने उन्हें दो पिस्तौल मुहैया कराई थी। सलमान त्यागी के आदेश पर दोनों आरोपियों ने डर पैदा करने और जबरन वसूली के लिए मजबूर करने के लिए लक्षित दुकानों के सामने गोलियां चलाई थी। अधिकारी ने कहा कि उसकी आपराधिक यात्रा छोटे-मोटे अपराधों से शुरू हुई, जो धीरे-धीरे हत्या, जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी देने सहित अधिक गंभीर अपराधों तक बढ़ गई। वह 25 से अधिक जघन्य मामलों में फंसा है, जिसमें केशोपुर मंडी के अजय चौधरी नाम के एक प्रमुख व्यवसायी की हत्या भी शामिल है। हालांकि, जेल में बंद होने के बावजूद, सलमान त्यागी जेल के भीतर से अपने गिरोह को नियंत्रित करना जारी रखता है, और दिल्ली स्थित व्यापारियों से पैसे वसूलता है।