नर्स की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब

Must read

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक नर्स की मौत और यौन उत्पीड़न की स्वतंत्र जांच और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया। यह याचिका नर्स की बेटी ने अपने नाना और मौसी के माध्यम से दायर की थी, जिसमें उसने और सुधारात्मक उपाय करने की भी मांग की है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की सहायता से मृतक की बेटी और बहन ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने अदालत को बताया कि पुलिस की अब तक की जांच असंतोषजनक रही है। पुलिस का व्यवहार शुरू से ही गैरपेशेवर रहा है। मृतक के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने एक सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं की और लोगों के विरोध के बाद ही कार्रवाई शुरू की और आखिरकार एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया। वरिष्ठ अधिवक्ता रामकृष्णन ने अधिवक्ता सारिम नवेद, शाहिद नदीम, अस्तुति रे और मुजाहिद अहमद के साथ याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व किया। याचिका के अनुसार महिला रुद्रपुर के एक अस्पताल में काम करती थी और 30 जुलाई 2024 से लापता थी। मृतक की बहन ने अगली तारीख पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 8 अगस्त 2024 को पीड़ित परिवार को सूचना मिली कि उनके घर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक शव मिला है। याचिका में कहा गया है, “लाश बहुत सड़ी हुई अवस्था में मिली थी, उसका एक हाथ और एक पैर गायब था और सिर पर बहुत कम मांस था। परिवार के लोग उसे केवल उसके कपड़ों से पहचान पाए क्योंकि उसका चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article