नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को जैकलीन फर्नांडीज की याचिका पर अंतिम दलीलें सुनीं । उनके वकील ने तर्क दिया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उन्हें सुकेश चंद्रशेखर की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी थी। उसने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले और आरोप पत्र को रद्द करने की मांग की है। न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने जैकलीन फर्नांडीज के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल, अधिवक्ता शक्ति पांडे के साथ प्रशांत पाटिल की दलीलें सुनीं । उच्च न्यायालय को 13 नवंबर को आगे की दलीलें सुननी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने प्रस्तुत किया कि जैकलीन को नहीं पता था कि सुकेश चंद्रशेखर से प्राप्त उपहार अपराध और उसकी आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त आय का हिस्सा था। उन्होंने तर्क दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का मामला है कि उसे इन तथ्यों के बारे में जानकारी होनी चाहिए | आगे दलील दी गई कि जेल में सुकेश चंद्रशेखर से मिलने वाले मशहूर हस्तियों की बात पर विश्वास किया गया और उन्हें जाने दिया गया। उन्होंने कहा था कि वे बिजनेस मीटिंग के सिलसिले में उनसे मिले थे, इस बात पर एजेंसी ने विश्वास किया।