नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ( यूपीएससी ) ने गुरुवार को एक अयोग्य आईएएस प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और आरोप लगाया कि उन्होंने अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करके झूठी गवाही दी है। यूपीएससी ने आरोप लगाया कि खेडकर ने न्यायिक प्रणाली में हेरफेर करने का प्रयास किया और कहा कि पूजा खेडकर ने झूठा हलफनामा दायर करके झूठी गवाही दी है और इस तरह का झूठा बयान देने के पीछे का इरादा स्वाभाविक रूप से झूठे बयान के आधार पर अनुकूल आदेश प्राप्त करने का प्रयास प्रतीत होता है। यूपीएससी ने कहा कि यह दावा कि आयोग ने उनकी बायोमेट्रिक्स एकत्र की है, बिल्कुल झूठा है और अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए इस न्यायालय को धोखा देने के एकमात्र उद्देश्य से किया गया है। उक्त दावे का खंडन किया जाता है क्योंकि आयोग ने उनके व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान कोई बायोमेट्रिक्स (आंखों और उंगलियों के निशान) एकत्र नहीं किए या इसके आधार पर सत्यापन का कोई प्रयास नहीं किया। आयोग ने अब तक आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं के व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान किसी भी उम्मीदवार से कोई बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र नहीं की है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने पूजा खेडकर से जवाब मांगा और मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत के चल रहे मामले के साथ 26 सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया ।