नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी सत्र न्यायालय ने एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जो एसिड अटैक पीड़िता की भाभी है। इससे पहले, उसे कानूनी प्रक्रिया से छह साल तक अनुपस्थित रहने के कारण अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र राणा की अदालत ने हाल ही में आदेश पारित करते हुए कहा कि घटना के दौरान शिकायतकर्ता को गंभीर चोटें आई थीं और उसकी एक आंख हमेशा के लिए चली गई है। घटना के कारण वह आंशिक रूप से बोलने में भी असमर्थ हो गई है। मामले की सूचना बिना किसी देरी के पुलिस को दी गई और घटना के एक घंटे बाद अस्पताल में उसकी जांच की गई। उसका बयान 27 जून, 2018 को दर्ज किया गया, जिसमें उसने वर्तमान आरोपी के खिलाफ स्पष्ट रूप से आरोप लगाए और उसकी भूमिका का वर्णन किया। यह भी रिकॉर्ड में है कि उसे घोषित अपराधी घोषित किया गया था और उसे 21 फरवरी, 2024 को ही गिरफ्तार किया गया था। जांच अधिकारी द्वारा दायर आरोप पत्र अभी तक इस अदालत को प्राप्त नहीं हुआ है। शिकायतकर्ता के परिवार ने खतरे की आशंका जताई है और यह तर्क दिया है कि आवेदक के पिछले आचरण को देखते हुए, जैसा कि न्यायालय ने उल्लेख किया है, सुनवाई के दौरान उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करना मुश्किल होगा।